पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती बुधवार को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर जमकर भड़क गई हैं। उन्होंने कहा है कि मलिक या तो अपना बयान वापस लें, या फिर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
दरअसल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि 2001 में आए रोशनी ऐक्ट का फायदा महबूबा मुफ्ती ने भी लिया था। इस कानून के तहत जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था, उन्हें मालिकाना हक दिया गया था। इसी कानून का फायदा उठाते हुए महबूबा मुफ्ती ने भी अपने नाम पर जमीन ट्रांसफर कराई थी।
मलिक के इस बयान पर महबूबा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ये बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना है। मेरी लीगल टीम मलिक के खिलाफ केस करने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि मलिक अपना बयान वापस लें, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महबूबा ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें मलिक ये कहते हुए दिख रहे हैं कि रोशनी ऐक्ट के तहत राज्य के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने प्लॉट अपने नाम करा लिए।
बता दें कि यह कानून 2001 में फारूक अब्दुल्ला के सीएम कार्यकाल के दौरान आया था। इस कानून के तहत जिन लोगों का सरकारी जमीन पर कब्जा था, वह कुछ रकम के बदले जमीन का अधिकार ले सकते थे। इस जमीन के आवंटन से मिली रकम का इस्तेमाल राज्य में हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट्स की स्थापना के लिए हुआ था, इसी वजह से इसका नाम रोशनी स्कीम हुआ था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इस स्कीम को रोक दिया गया था।
बता दें कि इससे पहले महबूबा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में बैठे लोग जम्मू कश्मीर को प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी के पास जम्मू कश्मीर के लिए विजन हुआ करता था लेकिन आज केंद्र सरकार हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दूरियां पैदा कर रही है। सरदार आज खालिस्तानी, हम पाकिस्तानी हो गए हैं और सिर्फ बीजेपी ही हिंदुस्तानी रह गई है…।’