केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले #MeToo अभियान पर बोले हैं। उन्होंने कहा है कि पीड़िताओं के आरोपों की जांच की जानी चाहिए। ढेर सारे लोगों पर दाग लगे हैं। मगर जांचा जाना चाहिए कि कहीं ये आरोप उन पर साजिश के रूप में तो नहीं लगाए गए हैं। अठावले, नरेंद्र मोदी की सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री हैं। रविवार (14 अक्टूबर) को वह महाराष्ट्र के पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।

#MeToo के दौरान यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर के मसले पर वह बोले, “अगर अकबर पर यौन शोषण के आरोप सही साबित होते हैं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने इसी के साथ कहा कि यह अभियान किसी भी हालत में आधारहीन आरोपों का मंच नहीं बनना चाहिए।

बकौल अठावले, “अगर किसी पर आरोप लगता है, तो उसकी जांच होनी चाहिए। #MeToo अभियान में कई लोग दोषी पाए गए। लेकिन मुझे लगता है कि सही से जांच-पड़ताल भी की जानी चाहिए। हालांकि, इसके जरिए राजनेताओं और अभिनेताओं को बदनाम करने का प्रयास भी किया जा सकता है।”

आपको बता दें कि विदेश राज्य मंत्री पर इस अभियान के बीच अब तक 10 महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। हालांकि, रविवार को उन्होंने सफाई में इन आरोपों को गलत और मनगढ़ंत करार दिया। मंत्री ने इसी के साथ कहा है कि वह आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

अकबर इससे पहले नाइजीरिया के दौरे पर गए थे, जहां से वह सुबह ही राजधानी दिल्ली लौट कर आए। उन्होंने कहा, “आम चुनावों के पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या यह कोई एजेंडा है? झूठे और मनगढ़ंत आरोपों ने मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया है। मैं खुद पर लगे सभी यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मदद लूंगा। मैं देश के बाहर था, लिहाजा जवाब नहीं दे सका था।”