दिल्ली में निगम नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव (Standing Committee Election) को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव दोबारा नहीं होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव में जो मत डाले गए हैं, उन मतपत्रों को सुरक्षित रखा जाए।
बता दें कि कल दिल्ली में स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव हुआ था। बीजेपी ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के तीन तीन सदस्य चुनाव जीत गए, लेकिन मेयर गलत तरीके से दोबारा चुनाव करवा रही हैं। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर बेईमानी का आरोप लगाया। वहीं सदन में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच जमकर हंगामा हुआ और हाथापाई भी हुई। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि मेयर बैलेट पेपर, सीसीटीवी फुटेज और उपलब्ध किसी भी अन्य जानकारी को सुरक्षित रखें।
बीजेपी ने स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। बीजेपी की पार्षद शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। बता दें कि चुनाव के दौरान मेयर शैली ओबरॉय ने एक वोट अवैध घोषित कर दिया था, जिसका बीजेपी ने विरोध किया।
जब दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज और एमसीडी मेयर शैली ओबरॉय भी मौजूद थीं। AAP की तरफ से वकील राहुल मेहरा पेश हुए। कोर्ट ने राहुल मेहरा से सीधा पूछा कि क्या मेयर के पास फिर से चुनाव कराने के आदेश देने का पावर है? कोर्ट के सवाल के जवाब में वकील ने कहा कि मेयर रिटर्निंग ऑफिसर होता है और उसी का फैसला अंतिम होता है।
वहीं इस पूरी घटना पर मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, “दिल्ली नगर निगम अधिनियम में कहा गया है कि पीठासीन अधिकारी को किसी भी वोट को स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार है। लेकिन इस प्रक्रिया के होने से पहले चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों ने एक शीट पर परिणाम तैयार किया। बाद में जब मैंने चेक किया तो मुझे एक वोट अवैध मिला। जब मैं उस वोट को अवैध घोषित कर रही थी तो भाजपा पार्षदों ने हंगामा किया।”