संघ प्रमुख मोहन भागवत के पश्चिम बंगाल के दौरे को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने पुलिस को हिदायत दी है कि उन पर कड़ी नजर रखी जाए, जिससे वो दंगे न भड़का सकें। मुख्यमंत्री मंगलवार को पश्चिम मिदनापुर जिले में प्रशासनिक बैठक कर रही थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि प्रशासन कुछ मिठाइयां और फल उन्हें भेज दे। उन्हें पता लगना चाहिए कि हम अपने मेहमानों की कितनी अच्छी तरह से देखभाल करते हैं।
मोहन भागवत चार दिनों तक बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर के केशियारी में आरएसएस की सांगठनिक बैठक में हिस्सा लेंगे। भागवत 17 से 20 मई तक पश्चिम मिदनापुर के केशियारी गांव में रहेंगे। उनका केशियारी में शिविर लगाने का कार्यक्रम है। वो आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे। शिविर तीन सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान स्वंयसेवकों को शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न कार्यशाला का भी आयोजन होगा।
हाल फिलहाल की गतिविधि को देखा जाए तो साफ दिखता है कि बीजेपी बंगाल को अहमियत दे रही है। अभी अमित शाह बंगाल का दो दिन का दौरा कर लौटे हैं। भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद गृह मंत्री मृतक अर्जुन चौरसिया के घर पहुंचे। परिजनों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि घटना की सीबीआई जांच करवाई जाए। इस दौरान उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- दीदी के राज में राजनीतिक हत्याएं चरम पर हैं। इससे पहले इसी साल फरवरी में संघ प्रमुख नक्सलबाड़ी में चार दिवसीय दौरा करके आए थे।
उधर, बीजेपी उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब भागवत बंगाल में नहीं भी होते तब भी दंगे जरूर होते हैं। पुलिस और टीएमसी के लोग रेप जैसे घिनौने काम कर रहे हैं। वो उन्हें नहीं रोक पा रही। लेकिन भागवत जैसी सम्मानित शख्सियत पर उंगली उठा रही हैं। घोष का कहना था कि सीएम को ऐसा बोलना शोभा नहीं देता।
गौरतलब है कि पिछले साल हुए बंगाल के असेंबली चुनाव में बीजेपी तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद बुरी तरह से चुनाव हार गई थी। उसे केवल 77 सीटें मिल सकी थीं। जबकि बीजेपी के तमाम नेता दावा कर रहे थे कि वो 200 से ज्यादा सीटें जीतने वाले हैं। ममता की पार्टी ने 200 से ज्यादा सीटें जीतकर सभी को हैरत में डाल दिया था।