उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर 26 मई की सुबह से हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। शाम तक यह और तेजी से बढ़ सकता है। आपको बता दें कि इस तूफ़ान को लेकर भारतीय नौसेना ने तैयारियां कर ली हैं। बताया जा रहा है कि भारतीय नौसेना ने संभावित सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए जहाजों और विमानों को तैयार रखा है। नौसेना के चार जहाज आपदा राहत ,गोताखोरी और चिकित्सीय सुविधा के लिए तैयार हैं।
साथ ही मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए आठ बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर दल ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात हैं। चेन्नई के पास भी आईएनएस राजाली में हवाई सर्वेक्षण और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री पहुंचाने के लिए विमानों को तैयार रखा गया है।
जी के दास ने इस चक्रवाती तूफ़ान बारे में कहा है कि यह 25 मई से तटीय जिलों में भारी बारिश के साथ पश्चिम बंगाल के ज़्यदातर स्थानों पर भी अधिक बारिश होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि 27 मई को कुछ इलाकों में अधिक बारिश होने का अनुमान है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान का असर होने के अलावा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और पूर्वी तट के जिलों में तेज बारिश हो सकती है और बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
आपको बता दें कि इस चक्रवाती तूफ़ान के मद्देनज़र मछुआरों को 23 मई से अगली सूचना तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।