मणिपुर सेना हमला: उग्रवादियों की तलाश में अभियान तेज
सुरक्षाबलों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला करने में शामिल उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए मणिपुर के चंदेल जिले में तलाशी अभियान शुक्रवार को तेज कर दिया। इस हमले में एक संदिग्ध उग्रवादी...
सुरक्षाबलों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला करने में शामिल उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए मणिपुर के चंदेल जिले में तलाशी अभियान शुक्रवार को तेज कर दिया। इस हमले में एक संदिग्ध उग्रवादी समेत 18 लोग मारे गए थे और 11 अन्य घायल हुए थे। हालात का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख यहां पहुंच गए हैं।
चंदेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले की रिपोर्ट के बाद जो पुलिसकर्मी घने जंगल में स्थित घटनास्थल पर गए थे, वे सैनिकों के शवों को लेकर लौटे। अधिकारी ने बताया कि 17 शव तो छठी डोगरा रेजीमेंट के कर्मियों के हैं। एक शव उग्रवादी का है, जो घात लगाकर किए गए इस हमले में शामिल था। लेकिन अभी यह नहीं पता चला है कि वह किस उग्रवादी संगठन से जुड़ा था। पुलिस ने बताया कि तलाशी अभियान में सेना और असम राइफल्स शामिल हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिस स्थान पर यह हमला हुआ था, वह जंगल में काफी अंदर है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सेना के जवानों पर हमला करने वाले उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए पारालोंग, चरोंग, मोल्तुह और कुछ अन्य इलाकों में खोज अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को हुआ हमला पिछले दो दशक में उग्रवादियों का सबसे बड़ा हमला था।
इस बीच सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग शुक्रवार को यहां पहुंच गए। सैन्य सूत्रों के मुताबिक सुहाग को तीसरी कोर के कमांडर और शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ दीर्घकालिक और लक्षित अभियानों के लिए एक विस्तृत अभियान योजना पर काम किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि अभी पूरा ध्यान शहीद सैनिकों के शवों को भेजने और क्षेत्र की पूरी तरह छानबीन करने पर ही ध्यान केंद्रित है।
सेना और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने हमले के पीछे मणिपुर के उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) का हाथ होने का संदेह जताया है। हालांकि एनएससीएन (के) ने मीडिया को भेजे एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली है। केंद्र ने एनएससीएन (के) के साथ संघर्ष विराम मार्च में रद्द कर दिया था। इस संगठन ने यह भी दावा किया है कि यह हमला उसने केवाईकेएल और कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर किया।
हमले के समय 6 डोगरा रेजीमेंट का एक दल इंफल से करीब 80 किलोमीटर दूर तेंगनोपाल-न्यू समतल रोड पर सामान्य दिनों की तरह रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) पर था। उसी समय एक अज्ञात उग्रवादी संगठन ने घात लगाकर शक्तिशाली आइईडी से दल पर हमला कर दिया। इस विस्फोट के बाद उग्रवादियों ने रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) दागे और स्वचालित हथियारों से सेना के चार वाहनों के काफिले पर भारी गोलीबारी की।