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सागरदिघी के बाद ममता बनर्जी को एक और करारा झटका, हल्दिया डॉक में 13 साल बाद कांग्रेस- लेफ्ट ने दी पटखनी, जानें अहमियत

वाम-कांग्रेस गठबंधन ने डॉक चुनाव में 19 में से 19 सीटें जीती हैं। सागरदिघी के बाद हल्दिया डॉक का चुनाव परिणाम बताता है कि टीएमसी की निचले स्तर पर जड़ें अब उतनी मजबूत नहीं हैं।

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West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। (फोटो सोर्स: File/एक्सप्रेस)।

सागरदिघी उप चुनाव में लेफ्ट समर्थित कांग्रेस कैंडिडेट के हाथों मिली हार के बाद ममता बनर्जी को एक और करारा झटका लगा है। हल्दिया डॉक (बंदरगाह) के चुनाव में कांग्रेस- लेफ्ट ने सूपड़ा साफ कर दिया। ये हार ममता के लिए झटका है क्योंकि सूबे में पंचायत चुनाव सिर पर खड़े हैं। जिस तरह से कांग्रेस-लेफ्ट का गठजोड़ टीएमसी को लगातार झटका दे रहा है वो चीज ममता बनर्जी के आत्ममंथन का विषय है।

सागरदिधी विधानसभा उपचुनाव में वामदल समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास के हाथों टीएमसी उम्मीदवार की हार के बाद शनिवार को डॉक चुनाव में मिली जीत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वाम-कांग्रेस गठबंधन ने डॉक चुनाव में 19 में से 19 सीटें जीती हैं। ये जीत इस वजह से भी अहम है क्योंकि टीएमसी ने कांग्रेस लेफ्ट के गठजोड़ को तकरीबन हर जगह से साफ कर दिया था। सागरदिघी के बाद हल्दिया डॉक का चुनाव परिणाम बताता है कि टीएमसी की निचले स्तर पर जड़ें अब उतनी मजबूत नहीं हैं।

पंचायत चुनावों से ऐन पहले मिली जीत काफी महत्वपूर्ण

चुनाव में 737 मतदाताओं में से 694 मतदाताओं ने वाम-कांग्रेस, टीएमसी व्यापार संघ (आईएनटीटीयूसी) और भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ के बीच त्रिकोणीय लड़ाई में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में बंदरगाह के स्थायी कर्मचारियों और अधिकारियों ने वोट डाला। पंचायत चुनावों से ऐन पहले मिली जीत काफी महत्वपूर्ण है।

टीएमसी ने 13 साल बाद पहली हार का स्वाद चखा

तीनों पैनल में कुल उम्मीदवारों की संख्या 58 थी। पिछली बार प्रबंधन समिति की सभी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उपाध्यक्ष पद पर वाम दलों ने जीत दर्ज की थी। टीएमसी ने 13 साल बाद पहली हार का स्वाद चखा है। डॉक चुनाव दो साल के अंतराल पर होते हैं।

हल्दिया डॉक में वामपंथी संघ के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह जीत दिखाती है कि हवा किस तरफ बह रही है। उन्होंने कहा कि यह जीत तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के गढ़ माने जाने वाले पूर्व मेदिनीपुर जिले में आगामी पंचायत चुनावों में वामपंथी और कांग्रेस दोनों के अच्छे प्रदर्शन का संकेत है।

टीएमसी नहीं दे रही परिणाम को ज्यादा अहमियत

हल्दिया डॉक में आईएनटीटीयूसी के एक नेता ने चुनाव परिणामों को ज्यादा महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में हल्दिया निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वामपंथी, कांग्रेस और बीएमएस के बीच टीएमसी उम्मीदवारों को हराने की मौन सहमति थी। इस तरह की साजिशें हर जगह काम नहीं करेंगी।

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First published on: 26-03-2023 at 19:39 IST
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