लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश के सभी सियासी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस पार्टी भी इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर सजग नजर आ रही है। इस बीच कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हमारी इच्छा है कि सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में डीएमके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होने कहा, “हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है।” साल 2024 में विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा, इसपर बोलते हुए उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा, कौन प्रधानमंत्री बनेगा, यह बताने का कोई सवाल ही नहीं है कि कौन नेतृत्व करेगा या नहीं।”
अन्य नेताओं ने क्या कहा
- कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव इसे लेकर नहीं होंगे कि सरकार किसे बनानी चाहिए, बल्कि यह इसे लेकर होंगे कि सत्ता पर किसका नियंत्रण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष में एकता की भावना 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दिलाएगी
- स्टालिन ने यह भी कहा कि सियासी दलों को अपने मतभेदों के ऊपर उठना चाहिए और आगामी चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए एकसाथ मिलकर खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा की तीसरे मोर्च का विचार बेकार है। स्टालिन ने कहा, “मैं बीजेपी के विरोध में सभी सियासी दलों से विनम्र अनुरोध करता हूं कि वे सरल चुनावी अंक गणित समझें और एकजुट रहें।”
- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे आशा है कि आप (एमके स्टालिन) न केवल तमिलनाडु की सेवा करने के लिए बल्कि पूरे भारत की सेवा करने के लिए लंबे समय तक जीवित रहेंगे… भारत एक कठिन स्थिति में है।लोकतंत्र व संविधान को खतरे में डाला जा रहा है।
- कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि देश के मुख्य एजेंडा बेरोजगारी, महंगाई, संवैधानिक पर हमला और सभी संवैधानिक संस्थाओं का अपहरण है। हमने देखा है कि वो संविधान का पालन नहीं करते हैं। लालू जी ने हमेशा कहा है कि यह आपातकाल नहीं बल्कि अघोषित आपातकाल है, इसलिए हमें लड़ने की जरूरत है… हम उन्हें हरा सकते हैं और यह कोई बड़ा काम नहीं है।