महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नई सरकार को बने हुए दो हफ्ते हो गए लेकिन अभी तक न तो मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है और न ही सहयोगी दलों के बीच विभागों का बंटवारा हो सका है। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के तीनों दलों (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) के बीच अभी भी विभागों को लेकर खींचतान जारी है। पहले कहा जा रहा था कि गृह विभाग एनसीपी के पास रहेगा लेकिन मंगलवार को हुई अगाड़ी के घटक दलों की बैठक में तय हुआ कि गृह विभाग सीएम उद्धव ठाकरे खुद अपने पास रखेंगे जबकि दूसरा अहम मंत्रालय वित्त विभाग के साथ-साथ हाउसिंग एनसीपी के पास जा सकता है। गृह के अलावा शहरी विकास विभाग भी शिवसेना के पास रह सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटक के तीसरे सहयोगी दल कांग्रेस को राजस्व, उद्योग, ऊर्जा और आदिवासी विकास विभाग मिल सकता है। जल्द ही विभागों के औपचारिक बंटवारे का ऐलान हो सकता है। अजित पवार के विद्रोह और घर वापसी के बाद पार्टी नेताओं के बीच उपजे मतभेद की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार अभी अटका हुआ है। माना जा रहा है कि महीने के अंत तक उद्धव मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।

बता दें कि पिछले महीने 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने सीएम पद की शपथ ली थी। उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया था। तीनों दलों के दो-दो मंत्रियों ने सीएम के साथ शपथ ग्रहण किया था। तीनों दलों के बीच सत्ता समीकरण के समझौते के मुताबिक शिवसेना के पास सीएम और 14 मंत्री होंगे, जबकि एनसीपी के खाते में एक डिप्टी सीएम और 16 मंत्री होंगे। कांग्रेस के खाते में एक स्पीकर और 13 मंत्री पद गया है।

शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी विचारधाराओं से अलग हटकर एक गठबंधन महाराष्ट्र में बनाया है। इस गठबंधन के तहत एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तीनों दलों ने बनाया है जिसमें  सेक्यूलर एजेंडे पर चलने का फैसला किया गया है। शिवसेना ने इसी एजेंडे पर चलते हुए राज्यसभा में नागरिकता बिल का विरोध किया है। हालांकि, लोकसभा में पार्टी ने बिल का समर्थन किया था।