महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को तोहफा दिया है और उनके सप्ताह में पांच दिन काम करने का ऐलान किया है। ठाकरे सरकार के इस फैसले पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। सामना के संपादकीय में पीएम मोदी के हर दिन 18-19 घंटे काम करने की बात पर तंज भी कसा है और लिखा है कि ‘पीएम मोदी बस, ट्रेन में तो सफर करते नहीं तो फिर बिना छुट्टी लिए काम करने में क्या खास है?’
सामना के संपादकीय में मजदूर, कामगार और किसानों के बिना छुट्टी लिए हर दिन मेहनत करने की बात कही गई है और लिखा है कि छुट्टियों के मामले में भी समान नागरिक कानून लागू होना चाहिए।
संपादकीय में लिखा गया है कि “हमारा देश सबसे ज्यादा छुट्टीबाज देश है। जयंती, पर्व, उत्सव और राष्ट्रीय पर्वों पर छुट्टियां मिलती रहती हैं। छुट्टी का आनंद लेना मानो जन्मसिद्ध कर्तव्य बन चुका है।”
‘देश में लाखों, मजदूर, कामगार और किसान बिना छुट्टी लिए प्रतिदिन मेहनत करते हैं। घर की गृहिणी कभी छुट्टी नहीं लेती। सैनिक और पुलिस के जवान भी लगातार काम करते हैं। ऐसे में छुट्टियों के मामले में भी हमारे देश में समान नागरिक कानून क्यों नहीं लगना चाहिए?’
पीएम मोदी पर तंज कसते हुए संपादकीय में लिखा गया है कि “ऐसा प्रचार किया जाता है कि देश के प्रधानमंत्री 18-19 घंटे तक काम करते हैं। पीएम मोदी ने आज तक छुट्टी नहीं ली, लेकिन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल दिन रात जनता की सेवा करें, उनसे यही अपेक्षा की जाती है।”
‘पीएम मोदी की सुरक्षा पर हर दिन पौने दो करोड़ रुपए खर्च होते हैं और उनकी विदेश यात्रा का बिल 700-800 करोड़ के ऊपर चला गया है। देश के सत्ताधीस दूसरे देश के सत्ताधीसों की तरह ट्रेन, मेट्रो, ट्रॉम या बसों में सफर नहीं करते। इसलिए बिना छुट्टी लिए काम करने में क्या खास है।’
लेख के अनुसार, ‘सरकार को मजदूरों और गरीब वर्ग को राहत देने के लिए भी कुछ करना चाहिए, क्योंकि सरकार उन्होंने ही चुनी है।’ बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में शनिवार और रविवार की छुट्टी देने का ऐलान किया है। इसके साथ सरकार ने कर्मचारियों के काम के घंटे में हर दिन पौना घंटा अधिक काम करना होगा।