Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के नांदेड़ (Nanded) में शुक्रवार (11 नवंबर, 2022) को एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल ने अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान आरएसएस नेता से हुई मुलाकात की एक कहानी सुनाई। राहुल गांधी ने कहानी को लेकर विवाद गहराने की आशंका भी जताई। राहुल गांधी ने कहा, ‘बात मेरे दिमाग में आई, पता नहीं कहां से आ गई, बोलूं? शायद नहीं बोलनी चाहिए, थोड़ी कॉन्ट्रोवर्सियल हो जाएगी, बोल देता हूं।
राहुल गांधी (Rahul) ने कहा, ‘मैं केदारनाथ गया एक बार, वहां के हमारे चीफ मिनिस्टर थे, मेरे ऑफिस में आए, उन्होंने मुझे कहा कि देखो केदारनाथ जाना है। मैंने सुना और पता नहीं मेरे मुंह से बात निकल आई, एकदम बात निकली, उन्होंने मुझे कहा कि देखो आप हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जा सकते हो। जैसे ही उन्होंने ये बोला, मैंने कहा कि मैं हेलिकॉप्टर से केदारनाथ नहीं जाऊंगा, मैं अगर केदारनाथ जाऊंगा तो पैदल जाऊंगा।’
‘मैं हेलिकॉप्टर से नहीं, पैदल गया’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘मैं शिव के मंदिर में जा रहा हूं, जो सबसे बड़े तपस्वी थे, अगर मैं उनके घर जा रहा हूं तो हेलिकॉप्टर में जाने का कोई मतलब ही नहीं, मतलब मैं तपस्वी के यहां जा रहा हूं और मैं 15 किलोमीटर तपस्या नहीं कर सकता क्या? फिर मैं हेलिकॉप्टर से नहीं गया और मैं पैदल गया। वहां बहुत अच्छा लगा, बड़ी ठंड थी। 16-17 किलोमीटर है, मतलब पता लगता है कि केदारनाथ जा रहे हैं। मैं वहां पहुंचा। वहां पर कोई उद्घाटन था।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जैसे ही मैं मंदिर में घुस रहा था, वहां पर एक आरएसएस के नेता मिले। मैंने नमस्ते की। कैसे कहूं, सीधा बोल देता हूं कि वजन उनका काफी था, तकरीबन 100 किलो तक था। हम अंदर जा रहे थे और उनके पास उनके साइड में एक नौकर था और नौकर के सिर पर इतनी बड़ी टोकरी थी। उसमें फल थे। मैंने देखा और कहा- सर ये क्या है? कहते हैं ये मैं फल शिवजी के चरणों पे डालने के लिए लाया हूं। एकदम मैंने सोचा…आप नहीं लाए हैं, आपका नौकर लाया है मगर जो दिल में होता है मैं कभी-कभी बोलता नहीं हूं, चुप हो गया मैं। मैंने कहा कि बहुत अच्छा। मुझे देखते हैं, कहते हैं कि आप कब आए? मैंने कहा कि मैं तो कल रात को आया था। आप कैसे आए? मैं तो चलके आया।
राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस नेता का 100 किलो का वजन था तो बदतमीजी नहीं करनी थी तो मैंने सवाल नहीं पूछा, मैं चुप हो गया, मगर उन्होंने कहा- मैं तो हेलिकॉप्टर से आया। मैंने सोचा.. अब आ गया दिमाग में, मैं क्या करूं।
‘आरएसएस नेता का सौ किलो वजन, शिवजी से मांगी सेहत’
मैंने कहा आप सबसे बड़े तपस्वी के घर आए हैं, मतलब दुनिया का सबसे बड़ा और उसके घर आप हेलिकॉप्टर से आए? कुछ नहीं कहा, चुप हो गया. हम गए, धक्का-मुक्की हुई वहां पर, मुझसे बुजुर्ग थे तो मैंने कहा- आप आइये। उन्होंने हाथ जोड़े, पूजा हुई, मैंने भी हाथ जोड़े, पूजा खत्म हुई, बाहर निकले, मुझे कहते हैं कि राहुल जी आपने शिवजी से क्या मांगा? मैं चुप हो गया। मैंने कहा- भाई साहब आप बताइए, आपने क्या मांगा? मैंने सोचा पहले उनसे पूछ लेता हूं। मुझे कहते हैं राहुल, मैंने सेहत मांगी। 100 किलो का वजन, शिवजी से सेहत मांगी। अगर आप केदारनाथ पैदल आ जाते, सेहत मिल जाती। मैंने उसको बताया नहीं।
‘आरएसएस और कांग्रेस, गांधी जी और सावरकर जी में यही फर्क है’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहानी सुनाते हुए आगे कहा, ‘अब मैं आपको बताऊंगा मगर उसको मैंने नहीं बताया, उसको यह बात शायद समझ न आती, उनका दूसरा तरीका है, हमारा दूसरा तरीका है। मैंने शिवजी से कुछ नहीं मांगा। मैं गया, मैंने हाथ जोड़ा और मैंने शिवजी से कहा, शिवजी का धन्यवाद किया कि आपने मुझे रास्ता दिखाया है। राहुल गांधी ने कहा कि यह फर्क है आरएसएस और कांग्रेस पार्टी में, यह फर्क है गांधी जी में और सावरकर जी में। हम कहते नहीं हैं, हम कर देते हैं।