मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में रविवार की भोर में दो मालगाड़ियों की भिड़ंत में इंजन सहित 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसा सिंगरौली से करीब सात किलोमीटर दूर घनहरी गांव के पास हुई। जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शेंडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिस रेल लाइन पर हादसा हुआ है, उसे नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन द्वारा कोयले को मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश लाने-ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है। एनटीपीसी ही इसका संचालन एवं प्रबंधन करती है।
उन्होंने कहा कि अब तक एक इंजन में से तीन शव निकाले जा चुके हैं। शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि ये शव दो मालगाड़ी चालकों एवं एक प्वाइंट्स मैन के हो सकते हैं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक जिले के बैढ़न थाना क्षेत्र के रिहंद नगर में एक मालगाड़ी कोयला लादकर जा रही थी। उसी समय एक अन्य मालगाड़ी खाली लौट रही थी। घटना के वक्त दोनों मालगाड़ियां काफी स्पीड से जा रही थीं।
इस ट्रैक पर अमूमन सिर्फ कोयले को लाने का ही काम किया जाता है। एक ही ट्रैक पर दो मालगाड़ियां एक साथ कैसे पहुंच गईं, यह एक बड़ा सवाल है। इसको लेकर विभाग की लापरवाही साफ दिख रही है। इसका साफ जवाब कोई नहीं दे पा रहा है। मौके पर बचाव कार्य करने के साथ घटना की जांच भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर सीआईएसएफ, जिले के प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। टक्कर के बाद कोयले से भरी मालगाड़ी का एक डिब्बा खाली मालगाड़ी के इंजन पर गिर गया। बोगी से कोयला खाली कराने के बाद एनटीपीसी की दो भारी क्रेन बोगी को उठाने की कोशिश कर रही हैं। इस ट्रैक पर इस तरह का हादसा पहली बार हुआ है।
भारतीय रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा, “यह साफ है कि यह भारतीय रेलवे की व्यवस्था का दोष नहीं है। हादसा ‘मेरी गो राउंड’ व्यवस्था के तहत हुई जो पूरी तरह से एनटीपीसी रिहंद के द्वारा संचालित है। एनटीपीसी के अनुरोध पर भारतीय रेलवे उसे पूरा सहयोग देती है।”