केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह काे गढ़ में भाजपा को मजबूत करने की जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। बता दें कि सिंधिया राजगढ़ के दौरे पर हैं। वहीं राजगढ़ में सिंधिया की एंट्री पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अपना घर संभाल नहीं पाए, यहां आ गए। इस बयान पर भाजपा ने कहा कि अब कांग्रेस का कोई गढ़ नहीं रहा।
राजगढ़ में दिग्विजय सिंह को पटखनी देने और भाजपा को मजबूत करने के लिए सिंधिया ने लोगों से भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “मैं अपने एक-एक कार्यकर्ता से मिलना चाहता हूं। आपके बीच में कोई मंत्री, नेता नहीं आया है। आपके बीच में आपके परिवार का सदस्य आया है और सभी से मिलूंगा।”
बता दें कि भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया का राजगढ़ का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल भाजपा में जाने के बाद वो पहली बार राजगढ़ पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस में रहने के दौरान सिंधिया ने राजगढ़ में कभी भी रात नहीं बिताया। ऐसे में उनका राजगढ़ जाना एक खास प्लान का हिस्सा माना जा रहा है। जिसे लेकर भाजपा काफी कड़ी मशक्कत कर रही है।
माना जाता है कि राजगढ़ में सिंधिया समर्थक अच्छी संख्या में हैं। वहीं जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था तो उनके साथ राजगढ़ से कई समर्थकों ने भी कांग्रेस छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गये थे।
बता दें कि दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। राज्य में उनका कद कांग्रेस नेता के तौर पर काफी बड़ा है। ऐसे में भाजपा की नजर उनके गढ़ राजगढ़ पर टिकी हुई है। हालांकि सिंधिया के दौरे को लेकर कांग्रेस का कहना है कि सिंधिया कितने भी दौरे कर लें, दिग्विजय सिंह को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजगढ़ की जनता दिग्विजय सिंह से सीधे तौर पर जुड़ी है।
वहीं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजगढ़ में कहा, “बहुत सालों से राजगढ़ आने का विचार था, राजगढ़ से सिंधिया घराने का पुराना नाता है। मेरा सौभाग्य है कि भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में राजगढ़ आना हुआ।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव में 18 महीने बचे हैं। समय कम है, वे पार्टी के लिए काम में लग जाएं। उन्होंने कहा कि भगवा को ना भूलें और कसम खाएं कि राज्य में फिर से कमल का फूल खिलाएंगे।
बता दें कि 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे पार्टी को मजबूती देने के लिए भाजपा सिंधिया के सहारे दिग्विजय सिंह का गढ़ अपने पाले में करना चाहती है।