बजट सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक, संसद कैंटीन में MPs को नहीं मिलेगी खाने पर सब्सिडी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक होगी, लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी।

संसद भवन की कैंटीन में खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह से हटा दिया गया है। मंगलवार को यह जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दी। उन्होंने बताया कि सांसदों और अन्य लोगों को खाने पर मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है।
बिड़ला ने इसके अलावा बताया कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से कोविड-19 जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा। 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक होगी, लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी।
उनके अनुसार, “सांसदों के आवास के नजदीक भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं।” बिड़ला ने आगे बताया- संसद परिसर में 27-28 जनवरी को आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। इसमें सांसदों के परिवार, कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच के भी प्रबंध किए गए हैं।
उन्होंने कहा, “केंद्र, राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी। संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी।”
खाने में सब्सिडी खत्म करने को लेकर दो साल पहले भी बात उठी थी। लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सभी दलों के सदस्यों ने एक राय बनाते हुए इसे खत्म करने पर सहमति जताई थी। अब कैंटीन में मिलने वाला खाना तय दाम पर ही मिलेगा। सांसद अब खाने की लागत के हिसाब से ही भुगतान करेंगे। पार्लियामेंट की कैंटीन को सालाना करीब 17 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी, जो अब खत्म हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक कैंटीन की रेट लिस्ट में चिकन करी 50 रुपए में तो वहीं वेज थाली 35 रुपए में परोसी जाती है। वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए निर्धारित है। बात करें साउथ इंडियन फूड की तो संसद में प्लेन डोसा मात्र 12 रुपए में मिलता है। एक आरटीआई के जवाब में 2017-18 में यह रेट लिस्ट सामने आई थी।