एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बॉर्डर पर चाइना की तैयारियों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक चाइना ने बॉर्डर पर भारी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं और हथियारों को भी अपग्रेड किया है। इसी को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
असदुद्दीन ओवैसी ने चाइना पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए हैं।उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “वज़ीर ए आजम, चीन पर आपकी चुप्पी और शी के नेतृत्व में ब्रिक्स की बैठक में भाग लेने से सीमा पर यही हासिल हुआ है। आप चीन के खिलाफ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।”
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा, “हमारी सेना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, आपने केवल उन्हें कमजोर किया है। सेना में जवानों की कमी है और आप एक ऐसी योजना लेकर आए हैं जो इसे और कमजोर करेगी। एयर फोर्स के पास लड़ाकू जेट स्क्वाड्रन नहीं हैं और नौसेना के पास जहाजों और पनडुब्बियों की कमी है। आपकी निगरानी में लद्दाख में चीनियों ने आकर हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। हम इसे उलटने में असमर्थ हैं और बातचीत की गुहार लगा रहे हैं। पूरी दुनिया को कमजोरी दिखाई दे रही है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ” 2020 में यह सीमा पर यथास्थिति की बहाली के बारे में था। पिछले दो वर्षों में आपकी समयबद्धता और कमजोरी का मतलब है कि अब कोई यथास्थिति बहाल करने के लिए नहीं बचा है। यह आपकी ‘बड़ी उपलब्धि’ है। हम चीन के मुद्दे पर संसदीय बहस क्यों नहीं कर रहे हैं? हर भारतीय को बताएं कि सच्चाई क्या है, और इस सरकार ने हमारी सेना और देश को कैसे नीचा दिखाया है। ओम बिरला सर कृपया आगामी मानसून सत्र में बहस की अनुमति दें।”
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा से 100 किलोमीटर के भीतर चाइना ने एक बड़ा सैन्य आवास, लंबी दूरी की तोपखाने और रॉकेट सिस्टम, लड़ाकू विमानों के लिए कठोर ब्लास्ट पेन और विस्तारित रन वे बनाकर बॉर्डर पर पीएलए की स्थिति को मजबूत किया है।
एलएसी के पार पश्चिमी क्षेत्र में गतिरोध शुरू होने से पहले 2020 में 20,000 सैनिकों के लिए आवास क्षमता थी। एक आधिकारिक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि अब इसे 1.2 लाख तक बढ़ा दिया गया है।