देश में 40 दिन बाद कोरोना विषाणु संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 50,000 से कम रही। रविवार रात साढ़े दस बजे तक 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना विषाणु संक्रमण के 34,602 मामले आए जबकि संक्रमण के कारण 340 लोगों की मौत हुई। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए। इन आंकड़ों में छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं। देश में सबसे अधिक कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले केरल में दर्ज किए गए। केरल स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 11,136 मामले सामने आए और 146 लोगों की मौत हुई।
केरल के अलावा महाराष्ट्र में 3,502, कर्नाटक में 2,372, तमिलनाडु में 2,296, राजस्थान में 2,177, मध्य प्रदेश में 2,092, उत्तर प्रदेश में 1,426, गुजरात में 1,274, मिजोरम में 1,231, ओड़ीशा में 1,148, हरियाणा में 838, दिल्ली में 804, आंध्र प्रदेश में 749 मामले आए। छत्तीसगढ़ में 579, पश्चिम बंगाल में 512, जम्मू कश्मीर में 440, तेलंगाना में 429, पंजाब में 327, उत्तराखंड में 286, बिहार में 193, हिमाचल प्रदेश में 163, गोवा में 131, पुदुचेरी में 91, मणिपुर में 90, असम में 79, लद्दाख में 61, मेघालय में 58, चंडीगढ़ में 42, नगालैंड में 23, अरुणाचल प्रदेश में 22, सिक्किम में 17, अंडमान निकोबार में 13 और दादर नागर हवेली व दमन दीव में एक मामला आया।
70 फीसद से ज्यादा किशोरों को टीके की पहली खुराक दी गई : मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि 15-18 आयु वर्ग के 70% से अधिक किशोरों को अब तक कोरोनारोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। मांडविया ने कहा कि युवा भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को और मजबूत कर रहा है और 15-18 आयु वर्ग के हमारे 70 फीसद से अधिक युवाओं ने कोरोनारोधी टीके की पहली खुराक ले ली है। उन्होंने कहा कि मैं सभी पात्र युवा मित्रों से अपील करता हूं कि वे जल्द से जल्द टीका लगवाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 15 से 18 आयु वर्ग के 1.47 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका हैं। देश में तीन जनवरी, 2022 से 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
कोरबेवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी
बायोलाजिकल-ई ने भारत के औषधि नियामक से 12 से 18 साल के आयुवर्ग में अपने कोरोनारोधी टीके कोरबेवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की मांग की है।भारतीय औषधि महानियंत्रक ने 28 दिसंबर, 2021 को वयस्कों में आपात स्थिति में कोरबेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी, जो कोरोना विषाणु संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट टीका है। डीजीसीआइ को नौ फरवरी को भेजे आवेदन में बायोलाजिकल-ई के श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा कि कंपनी को सितंबर 2021 में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोरबेवैक्स का दूसरे/तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी।