LAC विवादः गलवान में करीब एक से दो Km पीछे हटा चीन, टेंट, वाहन और फौजी भी हटाए
बता दें कि भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है। गलवान में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

भारत और चीन के बीच LAC को लेकर तनातनी के बीच सोमवार (छह जुलाई, 2020) को चीन की सेना (PLA) गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी। सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट में कहा गया कि इस क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है। दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएलए के फौजी करीब एक से दो किमी पीछे हटे।
रोचक बात है चीन और भारत के फौजी ऐसे वक्त सीमा पर पीछे हटे हैं, जब कुछ रोज पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने सुरक्षा बंदोबस्तों का जायजा लिया था। साथ ही गलवान की खूनी झड़प के दौरान जख्मी हुए जवानों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना था।
इसी बीच, चीन के ‘Global Times’ ने विदेश मंत्री Spox Zhao Lijian के हवाले से सहा कि हमने और भारत ने 30 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई तीसरी कमांडर स्तर की बातचीत के बाद प्रभावी कदम उठाते हुए सरहद से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
वहीं, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजित डोभाल ने चीनी के विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर से रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत की। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने बताया कि यह बातचीत सौहार्दपूर्ण तरीके से और आगे बढ़ने की दिशा को ध्यान में रखते हुए हुई।
बता दें कि भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है। गलवान में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं।
भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है। क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।