LAC विवाद के बीच नहीं मान रहा विस्तारवादी चीन! अरुणाचल में गांव बसाने पर बोला- अपनी जमीन पर किया निर्माण
अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से एक गांव का निर्माण किए जा रहा है। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने अब एक बयान दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि कि वो 'अपनी जमीन पर' निर्माण की गतिविधियां कर रहा है और यह पूरी तरह से उसके अखंडता का मसला है।

भारत और चीन का लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) विवाद अब भी नहीं थमा है। खबरें आई थी कि अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से एक गांव का निर्माण किए जा रहा है। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने अब एक बयान दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि कि वो ‘अपनी जमीन पर’ निर्माण की गतिविधियां कर रहा है और यह पूरी तरह से उसके अखंडता का मसला है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया के सामने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘भारत-चीन सीमा के पूर्वी सेक्टर या फिर जंगनान प्रांत (दक्षिण तिब्बत) में चीन की स्थिति दृढ़ और स्पष्ट है। हमने चीनी जमीन पर अवैध रूप से बसाए गए तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है।’
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जबकि भारत हमेशा कहता रहा है कि अरुणाचल उसका अभिन्न और अखंड हिस्सा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर चुनयिंग के हवाले से अद्यतन बयान में कहा कि ‘हमारे खुद के क्षेत्र में चीन का सामान्य निर्माण पूरी तरह संप्रभुता का मामला है।’
बता दें भारत-चीन के बीच सीमा विवाद 3488 किलोमीटर लंबी LAC को लेकर है। चीन एलएसी को मान्यता नहीं देता है और करीब 90,000 वर्गकिलोमीटर की जमीन पर अपना दावा पेश करता है। बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को अपने मानचित्र में दक्षिणी तिब्बत दिखाता है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन निर्माण कार्य के जरिए इस इलाके पर अपने दावे को और मजबूत करना चाहता है।
अरुणाचल प्रदेश में चीन के नया गांव स्थापित करने की खबरें ऐसे समय आई हैं जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद भी गतिरोध का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
(भाषा इनपुट के साथ)