LAC विवाद: अरुणाचल में चीन ने बना लिया गांव! सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
यह खुलासा ताजा सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए हुआ है। 'Planet Labs Inc.' के हवाले से अंग्रेजी न्यूज चैनल 'NDTV' ने यह जानकारी दी है।

LAC विवाद के बीच चीन विस्तारवाद की अपनी नीति से बाज़ नहीं आ रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत के उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में चीन ने गांव बना लिया है। वहां करीब 101 घर भी बन चुके हैं। यह खुलासा ताजा सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए हुआ है। ‘Planet Labs Inc.’ के हवाले से अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘NDTV’ ने यह जानकारी दी है।
1 नवंबर, 2020 की इन तस्वीरों को कई एक्सपर्ट्स को दिखाया गया तो उन्होंने अंग्रेजी चैनल से वहां निर्माण की पुष्टि की। बताया कि भारतीय जमीन पर लगभग साढ़े चार किलोमीटर के दायरे में इसे बनाया गया है और यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।
यह गांव Tsari Chu नदी के किनारे बसा है और ऊपरी सुबनसिरी जिले के तहत आता है। यह क्षेत्र भी लंबे समय से भारत और चीन के बीच सैन्य विवाद का विषय रहा है।
ताजा फोटो (1 नवंबर, 2020) में जो निर्माण नजर आ रहा है, वह साल भर पहले (26 अगस्त, 2019) नहीं था। न ही वहां उस तरह की कोई गतिविधि नजर आई। ऐसे में माना जा रहा है कि यह गांव पिछले साल ही वहां बसा है।
चैनल ने जब इन तस्वीरों को लेकर विदेश मंत्रालय से सवाल दागे तो बताया गया- भारत से सटे सरहदी इलाकों के पास चीन निर्माण कार्य कर रहा है…ऐसी रिपोर्ट्स हमनें हाल में देखीं। चीन इस तरह का निर्माण पिछले कुछ सालों में करता रहा है।
हालांकि, मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया, “कुछ समय से भारत की तरफ से भी बॉर्डर वाले इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी विकास कार्य किया जा रहा है और सैन्य तैनाती भी की जा रही है। इसकी प्रमुख वजह दोनों मुल्कों के बीच पनपा तनाव है।”
इस गांव का निर्माण हिमालय की पूर्वी रेंज में हुआ है। हैरत की बात है कि चीन ने ऐसा तब किया है, जब भारत से LAC पर सीमा विवाद को लेकर दोनों मुल्कों के बीच तनातनी फिलहाल जारी है। भारत और चीन के बीच दशक की सबसे खूनी झड़प हजारों किमी दूर हिमालय के पश्चिमी हिस्से लद्दाख में हुई थी।
बता दें कि जून में पिछले साल गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें भारतीय सेना के 20 फौजी शहीद हो गए थे। हालांकि, चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) को भी नुकसान हुआ था, मगर चीन ने इस बाबत चीजें सार्वजनिक नहीं की थीं कि उसके कितने जवान मारे गए।