चीन को अपनी जमीन सरेंडर करने के आरोपों के बीच रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पैंगोंग त्सो इलाके में भारत का अधिकार फिंगर 4 तक होने का दावा गलत है। भारत ने चीन के साथ समझौते में किसी भी इलाके पर अपना दावा नहीं छोड़ा है। भारत के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर आठ पर है, ना कि फिंगर चार पर।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत के क्षेत्र को नक्शे के अनुसार दर्शाया गया है। इसमें 43,000 वर्ग किलोमीटर की वह जमीन भी शामिल है, जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। मंत्रालय ने कहा कि भारत की सेना फिंगर आठ तक गश्त कर रही है। पैंगोग त्सो के उत्तरी किनारे पर दोनों तरफ परमानेंट पोस्ट स्थापित हैं। मंत्रालय ने कहा कि अपना कोई क्षेत्र चीन को नहीं सौंपा गया है। एलएसी का सम्मान करने के लिए समझौते को लागू किया गया है। एकतरफा तरीके से यथास्थिति में किसी भी बदलाव को एलएसी पर रोका गया।
Assertion that Indian territory is up to Finger 4 is false. Territory of India is as depicted by map of India & includes over 43,000 sq km currently under illegal occupation of China since 1962. Even LAC, as per Indian perception, is at Finger 8, not Finger 4: Defence Ministry pic.twitter.com/ra1isVrhhp
— ANI (@ANI) February 12, 2021
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने चीन के सामने घुटने टेककर अपनी हजारों किमी जमीन सरेंडर कर दी है। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहना है कि चीन के साथ हुए समझौते में भारत की कोई जमीन नहीं दी गई है। हजारों किलोमीटर की जमीन चीन को देने अपराध उस भ्रष्ट और डरपोक परिवार ने किया है जिसने सत्ता हथियाने के लिए देश के टुकड़े करा दिए थे।
No Indian land has been given up by the government as part of the current disengagement process. If anyone committed the sin of giving up thousands of sq km, it is one corrupt, cowardly dynasty that has broken the country to keep their power intact. pic.twitter.com/b8D2uRds2v
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 12, 2021
हालांकि, यह बात भी सामने आ चुकी है कि एलएसी के दूसरी तरफ चीन अपने क्षेत्र में तेजी से निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे अपने हिस्से में कई नए गांवों का निर्माण किया है। अरुणाचल प्रदेश से भाजपा के सांसद तापिर गाओ का कहना है कि 80 के दशक से चीन सड़क का निर्माण कर रहा है। उन्होंने लोंग्जू से मजा रोड तक को बना दिया है। राजीव गांधी के शासन के दौरान, चीन ने तवांग में सुमदोरोंग चू घाटी पर कब्जा कर लिया। तत्कालीन सेना प्रमुख ने एक योजना बनाई लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें पीएलए को वापस धकेलने की अनुमति से इनकार कर दिया।
भाजपा सांसद ने कहा, 80 के दशक से आज तक चीन इस क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है और गांवों का निर्माण कोई नई बात नहीं है। वे पहले से ही भारतीय क्षेत्र के तहत मैकमोहन रेखा के अंदर मौजूद बीसा और मजा के बीच सैन्य अड्डे का निर्माण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान सरकार की एक गलत नीति के कारण ऐसा हो रहा है।