केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बल के माध्यम से रनौत को वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा के तहत करीब 10 सशस्त्र कमांडों की तैनाती की जाती है। दरअसल, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म उद्योग के एक धड़े में नशीली दवाओं के उपयोग के बारे में बोलने के बाद रनौत को नये सिरे से मिल रही धमकी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। आइए, अब जानते हैं कि आखिर जेड प्लस और जेड सिक्योरिटी क्या है? जेड प्लस से जेड कैटगरी में सुरक्षा व्यवस्था बदलने से क्या पर्क पड़ सकता है?
भारत में नेताओं, अधिकारियों या किसी शख्स की सुरक्षा खतरों को देखते हुए उन्हें सरकार और पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। खतरों को देखते हुए ही जेड प्लस, जेड, वाई या एक्स कैटगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया जाता है। इस तरह की सुरक्षा पाने वाले अधिकांश लोग केंद्र सरकार के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश, मशहूर राजनेता और कुछ सीनियर ब्यूरोक्रेट्स होते हैं। भारत में फिलहाल करीब 450 लोगों को इस तरह का सुरक्षा कवच मिला हुआ है। इनमें से 15 को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा मिली हुई है।
किस कैटगरी में कितने सुरक्षाकर्मी?
जेड प्लस कैटगरी में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते हैं और शेष पुलिस दल के लोग होते हैं। यह सुरक्षा वीवीआईपीज को मिली होती है। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, जबकि दूसरे लेयर में एसपीजी के अधिकारी होते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते हैं। जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा के तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी कमांडो सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।
जेड कैटगरी में 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात होते हैं। जेड कैटगरी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को एक एस्कॉर्ट कार भी मिली होती है।
वाई कैटगरी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं जिनमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफीसर्स (पीएसओ) शामिल होते हैं।एक्स कैटगरी में मात्र 2 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं जिनमें एक पीएसओ शामिल होता है।