वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन को नरेंद्र मोदी सरकार ने नया मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Adviser) यानि सीईए बनाया है। पुराने सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन दिसंबर में अध्यापन की दुनिया में लौट गए थे।
कौन हैं नए सीईए वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन नागेश्वरन पूर्व में क्रेडिट सूइस ग्रुप एजी और जूलियस बेयर ग्रुप के साथ काम कर चुके हैं। वह फिलहाल क्रेया यूनिवर्सिटी (Krea University) में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं। नरेंद्र मोदी ने 2019 में उन्हें दो साल के लिए बतौर अस्थायी सदस्य प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद में भी रखा था।
सीईए बनने वाले अठारहवें व्यक्ति देश के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार जे.जे. अंजारिया थे। नागेश्वरन से पहले 17 जाने-माने लोग इस पद पर रह चुके हैं। इनमें मनमोहन सिंह, बिमल जालान, रघुराम राजन आदि शामिल हैं। नागेश्वरन से पहले कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन और उनसे पहले अरविंद सुब्रमण्यन और उनसे पहले रघुराम राजन मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। राजन 10 अगस्त, 2012 में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते इस पद पर आए थे। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीने बाद 16 अक्तूबर, 2014 को अरविंद सुब्रमण्यन सीईए बने थे। वह 20 जून, 2018 तक पद पर रहे थे।
सीईए का पद भारत सरकार के सचिव के बराबर होता है। वह वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का प्रमुख होता है और भारतीय आर्थिक सेवा (Indian Economic Service) कैडर का मुखिया होता है। सीईए की जिम्मेदारी के बारे में Of Counsel: The Challenges of the Modi-Jaitley Economy नाम की किताब में पूर्व सीईए अरविंद सुब्रमण्यन ने लिखा था कि इस पद पर बैठने वाले की कोई शासकीय जिम्मेदारी नहीं है। सीईए का बस एक ही दायित्व निर्धारित है और वह है बजट से पहले आर्थिक सर्वे पेश करना।