अमेरिका में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रमुख पर हमला, खालिस्तानी समर्थक ने मुंह पर कालिख भी पोती
‘डीएसजीएमसी’ के प्रमुख ने कहा कि हमले से वह रुकेंगे या डरेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि खालिस्तान की मांग कर रहे लोग अपनी लड़ाई जारी रख सकते हैं लेकिन हिंसा इसका कोई तरीका नहीं है। सिंह ने कहा, ‘‘हम खालिस्तान के लिए लड़ाई का हिस्सा नहीं बनेंगे।’’

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के प्रमुख मंजीत सिंह जीके पर कैलिफोर्निया में कथित खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया, जिसमें उनका एक साथी घायल हो गया। न्यूयॉर्क के बाद कैलिफोर्निया पहुंचे सिंह ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य गुरु नानक जी की 550वीं जयंती के समारोहों के सिलसिले में सिख समुदाय से चर्चा करना था, जो अगले साल है। ‘शिरोमणि अकाली दल’ (एसएडी) के नेता पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले उन पर न्यूयॉर्क में हमला किया गया था। सिंह कैलिफोर्निया के युबा शहर स्थित प्रमुख गुरद्वारे गए थे, तभी ‘खालिस्तान 2020 जनमत संग्रह’ का समर्थन करने वाले 30-35 लोगों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया।
#WATCH: Akali Dal leader & Delhi Sikh Gurdwara Management Committee member Manjeet Singh GK attacked, face blackened outside a Gurdwara in California. 3 people have been arrested in connection with the attack. #USA (25.08.18) pic.twitter.com/HdhnlJn8zP
— ANI (@ANI) August 26, 2018
कैलिफोर्निया से सिंह ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं घायल हूं। उन्होंने मुझे धक्का दिया और क्रूरता से लात मारीं। यह एक निर्मम जानलेवा हमला था।’’ उन्होंने बताया कि उनका एक साथी अस्पताल में भर्ती है और पुलिस ने हमले में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ‘डीएसजीएमसी’ के प्रमुख ने कहा कि हमले से वह रुकेंगे या डरेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि खालिस्तान की मांग कर रहे लोग अपनी लड़ाई जारी रख सकते हैं लेकिन हिंसा इसका कोई तरीका नहीं है। सिंह ने कहा, ‘‘हम खालिस्तान के लिए लड़ाई का हिस्सा नहीं बनेंगे।’’
वहीं लंदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ब्रिटेन दौरे के दौरान भी खालिस्तान समर्थकों ने हंगामे की कोशिश की थी। हालांकि पुलिस ने वहां से इन लोगों को खदेड़ दिया था। नारेबाजी के वक्त राहुल गांधी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे। इससे पहले राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर भी बयान दिया था। राहुल ने ब्रिटिश संसद में हुए कार्यक्रम में कहा था कि 1984 में निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी। वह दर्द भरा अनुभव था। लेकिन अगर आप कहेंगे कि कांग्रेस उसमें शामिल थी, तो मैं इससे सहमत नहीं हूं। (एजेंसी इनपुट के साथ)