Adani Sea Port Protest: निर्माणाधीन विझिंजम सी-पोर्ट (Vizhinjam Sea Port) के खिलाफ मछुआरों का 130 दिन से अधिक वक्त तक चलने वाला प्रदर्शन मंगलवार को फिलहाल के लिए रद्द कर दिया गया है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पास विझिंजम में अडानी समूह की बंदरगाह परियोजना के खिलाफ मछुआरों, चर्च समूहों और कार्यकर्ताओं का चार महीने का आंदोलन मंगलवार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे विकार जनरल यूजीन पेरेरा ने इसे रद्द करने की घोषणा की। परेरा ने पत्रकारों से कहा कि प्रदर्शन इसलिए रद्द नहीं किया जा रहा है कि वो राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों या उनके वादों से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि इसे इसलिए रद्द किया जा रहा है क्योंकि प्रदर्शन एक निश्चित चरण पर पहुंच गया है और अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से प्रदर्शन शुरू करेंगे।
आंदोलन को रोकने की पुष्टि करते हुए एक्शन काउंसिल के महासचिव फादर यूजीन परेरा ने कहा, “हम पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। आंदोलन अब नए दौर में पहुंच गया है। हम अडानी समूह की इस बंदरगाह परियोजना के खिलाफ नहीं हैं, हमारी मांग थी कि तटीय लोगों की चिंता दूर की जाए।” तिरुवनंतपुरम के लैटिन कैथोलिक आर्किडोसिस के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के एक हफ्ते बाद यह कदम उठाया गया। इस क्षेत्र में एक पुलिस थाने में तोड़फोड़ की गई थी और लगभग 50 पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया था। इस घटना के बाद गतिरोध को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार और कैथोलिक चर्च में कई स्तरों पर प्रयास शुरू कर दिए थे।
प्रदर्शनकारियों की मांग पूरा करने से राज्य सरकार ने किया था इनकार: राज्य सरकार ने 7,500 करोड़ रुपये की विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड परियोजना पर निर्माण कार्य को निलंबित करने की प्रदर्शनकारियों की मांग को पूरा करने से इनकार कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने मांग की थी कि जब तक राज्य सरकार ने इस क्षेत्र की मत्स्य पालन पर बंदरगाह के प्रभाव पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाए।
इससे पहले केरल में विभिन्न धार्मिक समूहों के नेताओं ने इलाके में शांति लाने के प्रयासों के तौर पर यहां निर्माणाधीन विझिंजम सी-पोर्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मछुआरा समुदाय से मुलाकात की थी। इस इलाके में हाल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। बड़ी संख्या में लोग पिछले कुछ महीनों से बहु-उद्देशीय सी-पोर्ट के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। वे निर्माण कार्य रोकने और करोड़ों रुपये की परियोजना के संबंध में तटीय असर का अध्ययन कराने समेत सात सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।