कर्नाटक में सरकार फिर से लौटाकर लाना बीजेपी हाईकमान के लिए एक बड़ी चुनौती है। मोदी-शाह की जोड़ी किसी भी सूरत में दक्षिण के इस बेहतरीन और अहम सूबे को अपने हाथ से नहीं जाने देगी। लिहाजा एक खास रणनीति बनाई जा रही है, जिससे लोगों का गुस्सा कम हो और वो बीजेपी को पूरे मन से वोट दें। हाईकमान को पता है कि बसवराज बोम्मई सरकार के मंत्रियों से लोग खुश नहीं हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बोम्मई कैबिनेट के कई मंत्रियों का टिकट कट सकता है। यही नहीं 20 फीसदी विधायकों को भी टिकट से महरूम रखा जा सकता है। गुजरात में मोदी-शाह की जोड़ी ऐसा ही प्रयोग करके ऐतिहासिक जीत हासिल कर चुकी है। गुजरात में भी सरकार से लोगों को संतुष्टि नहीं थी। हाईकमान को पता था कि फेरबदल नहीं किया तो चुनाव में लोगों की नाराजगी भारी पड़ सकती है। लिहाजा टिकट वितरण में पूरी कैबिनेट का ही पत्ता कट गया। चुनाव से कुछ अरसा पहले ही सीएम को भी बदल दिया गया था। कर्नाटक सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोगों के निशाने पर है। कई मंत्रियों के खिलाफ पोस्टर भी लग चुके हैं। लिहाजा बीजेपी आलाकमान कोई चांस लेने के मूड़ में नहीं दिख रहा है।
येदुयिरप्पा ने बीजेपी छोड़ी तो बिखर सकते हैं लिंगायत वोटर
आलाकमान का पैंतरा दिग्गज बीजेपी नेता बीएस येदुयिरप्पा को भी महंगा पड़ सकता है। अरसे से नाराज चल रहे येदुयिरप्पा को बीजेपी की केंद्रीय समिति में जगह देकर नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई। लेकिन वो अपने छोटे बेटे को लेकर काफी संजीदा हैं। उसके करियर को बनाने के लिए वो सूबे की राजनीति में जद्दोजहद कर रहे हैं। देखना ये होगा कि टिकट वितरण के समय हाईकमान येदुयिरप्पा को ठिकाने लगाता है या फिर उनको साधकर रखने के लिए कोई पैकेज सामने लाता है। येदुयिरप्पा के पार्टी छोड़ने का मतलब होगा लिंगायत वोटों में बिखराव। जाहिर है कि आलाकमान ये रिस्क उस वक नहीं लेना चाहेगा जब कर्नाटक चुनाव सिर पर है और उसे पता है कि बीजेपी के कई नेता लोगों के मन को नहीं भा रहे।
एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि 75 पार के नेताओं का टिकट कटना तय है। बीस फीसदी मौजूदा विधायकों को भी चुनावी मैदान से दूर किया जा सकता है। ऐसा करके आलाकमान गुजरात की तर्ज पर लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में है। हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि टिकट कटने के बाद कुछ विधायक बगावत भी कर सकते हैं। लेकिन गुजरात में कुछ नेताओं ने ऐसा किया था। उसका खास असर नहीं पड़ा।
25 विधायकों के टिकट पर चल सकती है कैंची
कर्नाटक में 224 विधायक हैं। बीजेपी के पास इनमें से 120 हैं। बीस फीसदी का टिकट कटने का मतलब है कि तकरीबन 25 विधायक टिकट से महरूम किए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि आलाकमान ने एक सर्वे कराया था। इनमें जिन विधायकों पर उंगली उठी है उनका पत्ता कटना तय है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह का कहना भी है कि पार्टी को गुजरात माडल का अनुसरण करना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि आलाकमान को पता है कि कुछ विधायक पाला बदल कर सकते हैं। येदुयिरप्पा खेमे के यूबी बनाकर कांग्रेस में जा चुके हैं। नंदीश रेड्डी के भी बगावती बनने के आसार हैं। बनाकर उस समय से हाशिये पर चल रहे हैं जबसे 2019 में बीसी पाटिल ने भगवा थामा।