Collegium System: जजों की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति में अब सरकार का रुख नरम पड़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल हाईकोर्ट के 44 जजों की नियुक्ति पर कॉलेजियम (Collegium) की सिफारिशों को समय सीमा में मानने के लिए केंद्र राजी हो गया है। शुक्रवार को कोर्ट को आश्वासन देते हुए केंद्र सरकार (Center Government) ने कहा कि न्यायिक नियुक्तियों पर जो समय सीमा है, उसका पालन किया जाएगा। लंबित पड़े कॉलेजियम की सिफारिशों को जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी।
इस मामले में अटॉर्नी जनरल (Attorney General) आर वेंकटरमणी ने जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुरूप सभी प्रयास किए जा रहे हैं।” वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से कहा था कि जो भी नाम लंबित हैं, उन्हें पास जल्द से जल्द किया जाए।
बता दें कि न्यायाधीशों के तबादले के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों में हो रही देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की खिंचाई की और सवाल किया कि क्या इसमें तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप शामिल है?
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय के कॉलेजियम की 104 सिफारिशें केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। इन 104 में से 44 पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसे मैं व्यक्तिगत रूप से देख रहा हूं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 फरवरी तय की है। अटॉर्नी जनरल ने आश्वासन दिया कि राजस्थान उच्च न्यायालय के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी। वहीं कोर्ट की तरफ से भी इस मामले हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया।
सुनवाई के दौरान कॉलेजियम से भेजी गई 10 सिफारिशों की स्थिति को लेकर सर्वोच्च अदालत ने जानकारी मांगी, जोकि केंद्र के पास लंबित हैं। इनमें दो तो काफी पुरानी हैं जो अक्टूबर 2021 से लंबित हैं और बाकी नवंबर 2022 में की गई थीं।