JNU अटैक के असल ‘मास्टरमाइंड’ हैं वीसी जगदीश कुमार- कांग्रेस रिपोर्ट में दावा; पार्टी नेता ने ये भी उठाए सवाल
JNU Students Protest, JNU Violence: सुष्मिता देव ने जेएनयू छात्र संघ की एक चिट्ठी भी अपने ट्विटर अकाउंट पर डाली है। इस लेटर में दावा किया गया है कि 'वीसी चाहते थे कि सभी प्रश्न पत्र छात्रों को भेजा जाए।

JNU Students Protest, JNU Violence: कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हैं। 5 जनवरी को जेएनयू में भारी हिंसा हुई थी और कैंपस के अंदर कुछ नकाबपोशों ने लाठी-डंडों से छात्रों तथा शिक्षकों की जमकर पिटाई कर दी थी। इस मारपीट में 30 से ज्यादा छात्र और शिक्षक घायल हुए थे। इनमें से कई को गंभीर चोट भी आई थी। अब इस मामले को लेकर कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ही इस हिंसा के मास्टरमाइंड थे। कमेटी ने जगदीश कुमार को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने की मांग की है।
कांग्रेस ने इस हमले की सच्चाई उजागर करने के लिए पार्टी के कुछ सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की अध्यक्ष सुष्मिता देव थीं और उन्होंने दावा किया है कि यह हिंसा प्रायोजित थी और छात्रों तथा शिक्षकों को प्लान के तहत निशाना बनाया गया था। सुष्मिता देव ने ट्वीट कर कहा है कि ‘जेएनयू वीसी चाहते थे कि दिनांक 12-12-2019 को होने वाली परीक्षा व्हाट्स ऐप और मेल पर हो। अगर ऐसे परीक्षा होती है तो क्या यह पता लगाया जा सकता है कि कौन प्रश्नों के उत्तर लिख रहा है।’
सुष्मिता देव ने जेएनयू छात्र संघ की एक चिट्ठी भी अपने ट्विटर अकाउंट पर डाली है। इस लेटर में दावा किया गया है कि ‘वीसी चाहते थे कि सभी प्रश्न पत्र छात्रों को भेजा जाए। वो यह चाहते थे कि छात्र इसका जवाब अपने घर या हॉस्टल के कमरे में बैठ कर लिखें। वीसी चाहते थें कि छात्र अपने जवाब व्हाट्सऐप और मेल के जरिए भी भेज सकते हैं। ओरल परीक्षाएं भी इसी तरह लिए जाने की योजना वीसी की थी।’
Did you know that #JNU VC wanted to hold exams from 12/1219 on Whats App & mail. Can foreign languages exams requiring viva be done on what’s App ?Can it be monitored that who is writing answers?
It’s a mockery of a prestigious institution. See the JNUTA letter. #JNUFeeHike pic.twitter.com/9oCP0XeD7B
— Sushmita Dev (@sushmitadevinc) January 12, 2020
सुष्मिता देव ने एक और ट्वीट कर लिखा है कि ‘सिर पर 16 टांके पड़ना एक गंभीर बात है और यह जुर्म हत्या की कोशिश के तहत आता है। लेकिन एफआईआर में यह बात नहीं लिखी गई है। क्या पुलिस ने किसी भी घायल छात्र का बयान दर्ज किया है। जबकि यह किसी भी आपराधिक मामले में सेक्शन 161 के तहत जरुरी है।’
आपको बता दें कि कई घायल छात्रों ने भी जेएनयू के वीसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।