‘पीएम की इज्जत करने के लिए संविधान या कानून मजबूर नहीं करता’, शेहला रशीद का ट्वीट, भड़के यूजर्स
बीते दिनों देश की कई हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा था, जिसमें देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता जाहिर की गई थी।

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने एक ट्वीट कर कहा है कि देश के संविधान या कानून में कहीं नहीं लिखा है कि हमें देश के प्रधानमंत्री का सम्मान करना ही है। शेहला रशीद के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और शेहला रशीद की आलोचना कर रहे हैं। दरअसल इसकी शुरुआत एक अन्य ट्वीट से हुई थी, जिस पर शेहला रशीद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बात लिखी थी।
बता दें कि बीते दिनों देश की कई हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा था, जिसमें देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता जाहिर की गई थी। अब खबर आयी है कि इन हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह, धार्मिक भावनाएं आहत करने और शांति भंग करने के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि “मनीरत्नम, अदूर और 47 अन्य ने, जिन्होंने मोदी को सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ मोदी को पत्र लिखा था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यदि यह फासीवाद नहीं है तो फिर हमें फासीवाद की परिभाषा बदल देनी चाहिए। जिस स्पीड से हमारा देश सत्तावाद की खाई में गिर रहा है, वह बेहद डरावना है।”
इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाली शेहला रशीद ने लिखा कि “संविधान में ऐसा कोई अनुच्छेद, आईपीसी में कोई क्लॉज, किसी राज्य का कानून या फिर संसद का कोई अधिनियम नहीं है, जो ये कहता हो कि देश के नागरिकों को प्रधानमंत्री का सम्मान करना ही है।”
There is no Article of the Constitution, no clause in the IPC, no state law and no Act of the Parliament that requires a citizen of India to respect the Prime Minister! https://t.co/mCtoOI3rk1
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) October 4, 2019
शेहला के इस ट्वीट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए। एक यूजर ने शेहला के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि ‘संविधान में ऐसा कोई अनुच्छेद भी नहीं है, जो प्रधानमंत्री को बदनाम करने का अधिकार दे। वह 130 करोड़ भारतीयों के पीएम हैं और 59 लोगों के गैंग को उनकी संवेदनाओं को चोट नहीं पहुंचा सकता।’
बता दें कि बीती जुलाई, 2019 में देश की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा था, जिसमें देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा, मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर दुख जताया गया था और इन्हें रोकने के लिए जल्द कदम उठाने की मांग की गई थी। जिन हस्तियों ने पीएम को पत्र लिखा था, उनमें अदूर गोपालकृष्णन, मनीरत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, रेवती आशा, रामचंद्र गुहा, कोंकणा सेन शर्मा, आदि हस्तियां शामिल थीं।
बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के सदर पुलिस थाने में इन हस्तियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर एक वकील सुधीर ओझा की याचिका के बाद दर्ज की गई है।