एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खलासी जाहिद के अंतिम संस्कार से पहले दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और बिजबहेड़ा पुलिस थाना इलाकों में लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। गंभीर रूप से झुलसे जाहिद ने नौ दिन तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में कल दम तोड़ दिया था।
श्रीनगर के भी उन छह पुलिस थाना इलाकों में इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जहां जाहिद की मौत के बाद कल विरोध प्रदर्शन हुए थे। ये प्रभावित इलाके एम आर गंज, नौहटटा, सफा कदाल, मैसुमा, रैनावाड़ी और खानयार हैं।
अधिकारी ने बताया कि कटटरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और जेकेडीएफपी नेता शब्बीर अहमद शाह समेत कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद रखा गया है। घाटी के कई हिस्सों में कल हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद ऐहतियातन कदम उठाते हुए प्रतिबंध लगाए गए हैं।
जाहिद की मौत की सूचना उसके पैतृक गांव बातेनगू पहुंचते ही कल वहां स्वत: स्फूर्त बंद हो गया। इसके बाद वहां एवं कुलगाम में आसपास के क्षेत्रों और श्रीनगर के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस कर्मियों के बीच झड़पें हुईं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग का निवासी जाहिद उस ट्रक का खलासी था, जिस पर कश्मीर जाते समय नौ अक्टूबर को रास्ते में भीड़ ने पेट्रोल बमों से हमला कर दिया था। ट्रक के चालक शौकत अहमद को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस मामले में गिरफ्तार नौ में से पांचों आरोपियों पर कड़े प्रावधान वाला जन सुरक्षा कानून लगाया गया है। राज्य सरकार के एक विमान के जरिए जाहिद का शव कल शाम दिल्ली से लाया गया और उसे अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव ले जाया गया। सत्तारूढ़ पीडीपी प्रमुख एवं अनंतनाग की सांसद महबूबा मुफ्ती, राज्य के वित्त मंत्री हसीब ए द्राबू और कानून मंत्री बशारत बुखारी शव को लेने के लिए यहां हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
जेकेएलएफ और अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों ने घाटी में बंद का आहवान किया है। एक कश्मीरी पंडित संगठन, कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति, कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, व्यापरियों के संगठनों और परिवहन संघ ने बंद को समर्थन दिया है।