आर्थिक तंगी से परेशान जेट एयरवेज कर्मी ने की आत्महत्या, चार मंजिला इमारत से लगाई छलांग
Jet Airways: 45 वर्षीय शैलेष सिंह शुक्रवार की शाम में नालासोपारा ईस्ट में स्थित अपनी चार मंजिला इमारत से छलांग लगा दी।

Jet Airways: महाराष्ट्र के पालघर में जेट एयरवेज के एक वरिष्ठ तकनीशियन ने अवसाद की वजह से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। कर्मचारी कैंसर से पीड़ित था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय शैलेष सिंह शुक्रवार की शाम में नालासोपारा ईस्ट में स्थित अपनी चार मंजिला इमारत से छलांग लगा दी। जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन ने बताया कि सिंह ‘आर्थिक दिक्कतों’ का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करनेवाले जेट एयरवेज ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन अदा नहीं किया था।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘वह कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी। प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि बीमारी की वजह से वह अवसाद में थे।’’ एसोसिएशन ने दावा किया कि एयरलाइन द्वारा परिचालन बंद करने के बाद कर्मचारी की आत्महत्या का यह पहला मामला है। सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं।
बता दें कि एक दिन पहले 26 अप्रैल (शुक्रवार) को जेट एयरवेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दूबे ने कहा कि यह दुखद है कि किसी भी अंशधारक ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं जतायी है।
इससे रिणदाता बैंकों की ओर से एयरलाइन को आगे वित्तपोषण को लेकर समर्थन की कमी साफ नजर आती है।
एयरलाइन ने पिछले कुछ महीने से अब तक अपने 20,000 से अधिक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं किया है। जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की घोषणा की है। कर्मचारियों के अप्रैल माह का वेतन भी अगले कुछ दिनों में देनदारी में शामिल हो जायेगा।
दूबे ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है, ”हम खरीदार या एयरलाइन ढूंढने की बैंक की कोशिशों का समर्थन करते हैं लेकिन साथ ही यह सूचित करते हुए हमें दुख हो रहा है कि किसी भी पक्षकार ने अब तक वेतन को लेकर स्पष्ट तौर पर कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की है।”
दूबे ने अपने पत्र में कहा है, ”एक तरफ जहां हमें बोली प्रक्रिया के दौरान जेट के मूल्यों को बचाकर रखने के लिए कहा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वेतन भुगतान नहीं होने के कारण हमारे सह-र्किमयों के पास कहीं और रोजगार तलाशने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है। जब हम इस दुर्भाग्यपूर्ण विडंबना की स्थिति को ऋणदाताओं के समक्ष रखते हैं तो हमें कहा जाता है कि शेयरधारक इस समस्या का समाधान करेंगे, जो काफी समय पहले समाधान योजना पर सहमत हुये हैं।” दूबे ने पत्र में लिखा है कि कई बोर्ड बैठकें हो चुकीं हैं लेकिन प्रवर्तकों और रणनीतिक शेयरधारकों की तरफ से एयरलाइन में कोष डालने और वेतन भुगतान के लिये अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।