केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी को कम कर दिया है। इसके बाद से तेल की कीमतों में कमी आ जाएगी। अब मोदी सरकार और बीजेपी राज्यों से भी टैक्स कम करने की अपील कर रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गैर बीजेपी सरकारों से तेल पर वैट कम करने की अपील की है। वहीं तंगी का हवाला देते हुए टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा कि केंद्र सरकार अभी और एक्साइज ड्यूटी कम कर सकती है।
जेपी नड्डा- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि विपक्ष अपने शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम भी कम करे, ताकि आम लोगों को महंगाई के बीच कुछ और राहत मिल सके। नड्डा ने तेल की कीमतों को कम करने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद भी किया।
सौगत रॉय- टीएमसी के सांसद सौगत राय ने कहा कि केंद्र की कटौती काफी अच्छी नहीं है क्योंकि केंद्र ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये की बढ़ोतरी की है। केंद्र सरकार के पास अभी भी राज्यों पर दबाव डालने के बजाय उत्पाद शुल्क को कम करने की संभावना है क्योंकि राज्यों की आर्थिक स्थिति खराब है।
केरल की घोषणा- केंद्र के बाद केरल सरकार ने भी लोगों को राहत देने वाला फैसला लिया है। केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर कर में क्रमश: 2.41 रुपये और 1.36 रुपये की कटौती केरल सरकार करेगी।
पीएम मोदी ने क्या कहा- तेल पर टैक्स कम करने के फैसले को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमेशा हमारे लिए जनता पहले होती है! उन्होंने कहा- “आज के फैसले, विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती, विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। यह हमारे नागरिकों को राहत प्रदान करेंगे और ‘जीवन की सुगमता’ को आगे बढ़ाएंगे”।
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह कुछ नहीं से बेहतर है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा- “दो महीने पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी और आज इसे 8 रुपये कम कर दिया गया है, जबकि डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है और अब इसे 6 रुपये कम कर दिया गया है। भारी बढ़ोतरी करना और फिर न्यूनतम कटौती करना अच्छा नहीं है”।