विधि मंत्री टीबी जयचंद्र ने संवाददाताओं से कहा, हम तमिलनाडु सरकार से 5.11 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि की मांग करेंगे, जो बेंगलुरु में इस मामले में खर्च हुए। जयचंद्र ने कहा कि सरकार गृह विभाग से संबंधित मामलों पर खर्च धनराशि की भी मांग करेगी, जिसमें अन्नाद्रमुक प्रमुख को सुरक्षा प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय तमिलनाडु की मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने में खर्च हुई धनराशि की गणना कर रही है। यह बात जयललिता को बरी करने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने के कर्नाटक सरकार के निर्णय के चार दिन बाद उठी है।
उच्चतम न्यायालय ने 18 नवम्बर 2003 को मामले की सुनवायी बेंगलुरु स्थानांतरित कर दी थी, क्योंकि द्रमुक सचिव के अनबाझगन ने न्यायालय से यह कहते हुए अनुरोध किया था कि तमिलनाडु में निष्पक्ष सुनवायी संभव नहीं है क्योंकि जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री हैं।