जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इस दौरान वह भारत की संस्कृति और यहां के व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। सोमवार (19 मार्च, 2023) को उन्होंने गोल गप्पे, लस्सी और आम पन्ना टेस्ट किया। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में बुद्ध जयंती पार्क पहुंचे थे, जहां उन्होंने इंडियन फूड का स्वाद चखा।
तीखे फूड आइटम खाने से बिगड़ेगी जापानी पीएम की तबियत!
गोल गप्पे, आम पन्ना और लस्सी पीते हुए उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह चटपटे और तीखे इंडियन फूड बड़े आराम से खाते नजर आ रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ट्वीट करके चिंता जताई है कि तीखे और खट्टे इंडियन फूड आइटम खाने से उनकी तबियत खराब हो जाएगी। हालांकि, वीडियो में देखकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा रहा है कि उन्हें तीखा खाने में कोई दिक्कत हुई।
पीएम ने भेंट की कदमवुड जाली बॉक्स
इस दौरान, पीएम मोदी ने फुमियो किशिदा को ‘कदमवुड जाली बॉक्स’ (कदम्ब की लकड़ी से बना जालीदार बक्सा) में लगी चंदन की बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। अधिकारियों ने कहा कि चंदन की नक्काशी की कला एक उत्तम और प्राचीन शिल्प है जो सदियों से दक्षिणी भारतीय राज्य में प्रचलित है और इस शिल्प में सुगंधित चंदन के ब्लॉकों में जटिल डिजाइनों को तराशना, जटिल मूर्तियां और अन्य सजावटी सामान बनाना शामिल है। चंदन के पेड़ भारत में पाए जाते हैं और इसकी लकड़ियां सदियों से भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान और बेशकीमती लकड़ियों में से एक माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी अक्सर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की सांस्कृतिक और कलात्मक समृद्धि को दर्शाने वाले उपहार भेंट करते रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बुद्ध की आकृति शुद्ध चंदन से बनी है और इसमें पारंपरिक डिजाइनों और प्राकृतिक दृश्यों के साथ हाथ की नक्काशी है, जिसे विशेषज्ञ शिल्पकारों द्वारा बनाया गया है। प्रतिमा में बुद्ध बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान मुद्रा में बैठे हैं। ध्यान मुद्रा ध्यान की एक स्थिति है। इसके जरिए आध्यात्मिक दक्षता भी हासिल की जाती है। अधिकारियों ने कहा कि कदम्ब की लकड़ी को भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है और विशेष कदमवुड बॉक्स पर डिजाइन विशेषज्ञ कारीगरों द्वारा हाथ से उकेरा गया है। उनके मुताबिक, भारतीय चंदन आयुर्वेद की सबसे पवित्र जड़ी बूटियों में से एक है। चंदन पाउडर और आवश्यक तेल अपने कई औषधीय और आध्यात्मिक उपयोगों के लिए प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में दुनिया के कुछ बेहतरीन चंदन के जंगल हैं। चंदन की नक्काशी की कला सदियों से कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग रही है।