फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के लिए पूरे निर्देश पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने दिए थे लेकिन अब जांच में पता चला है कि सीआरपीएफ काफिले की बस को निशाना बनाने का आइडिया काकापोरा के एक दुकानदार का था। जांच में ये भी पता चला है कि आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मोहम्मद उमर फारुख ने भी दुकानदार को इसके लिए शाबाशी दी थी। पाकिस्तान से भेजे गए एक वॉइस मैसेज में उमर ने दुकानदार की तुलना साल 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरू से की थी।
NIA ने पुलवामा आतंकी हमले के मामले में 13500 पेज की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें इस दुकानदार का नाम शाकिर बशीर मागरे बताया गया है। मागरे जम्मू श्रीनगर हाइवे पर लेथपोरा पुल के नजदीक फर्नीचर की दुकान करता था और आतंकी हमले का सबसे अहम स्थानीय लिंक था। बता दें कि पुलवामा हमले में आतंकी ने विस्फोटक से भरी कार सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस से भिड़ा दी थी। जिससे हुए धमाके में बस में सवार सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
एनआईए ने इस साल फरवरी में जानकारी दी थी कि उसने शाकिर बशीर मागरे को गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए के अनुसार, जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भतीजे उस्मान हैदर को कश्मीर में अक्टूबर 2018 में एक मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया गया था। इसके बाद मसूद अजहर के दूसरे भतीजे मोहम्मद उमर को सुरक्षा बलों पर हमले की जिम्मेदारी दी गई थी।
चार्जशीट के मुताबिक मोहम्मद उमर और उसके सहयोगियों ने एक कार बम बनाकर हमले को अंजाम देने की योजना बनायी थी। हालांकि वह इस बात का फैसला नहीं कर सके कि निशाना या जगह क्या होगी।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “आतंकी इस बात की चर्चा कर ही रहे थे कि कहां सुरक्षा बल बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं? इसी बीच शाकिर बशीर ने हाइवे से गुजरने वाले सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाने का सुझाव दिया। शाकिर ने बताया कि उसकी दुकान हाइवे के किनारे है इसलिए वह गुजरने वाले सुरक्षाबलों के काफिले पर नजर बनाकर रख सकता है। ”
“शाकिर ने ये भी बताया कि हाइवे पर एक ढलान और मोड़ है, जिसके चलते वहां काफिला कुछ धीमा हो जाएगा, जो कि विस्फोट करने के लिए आदर्श जगह होगी। साथ ही शाकिर ने हाइवे से मिलने वाली एक छोटी सड़क की भी जानकारी दी थी।”
एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, बशीर के घर पर ही आईईडी इकट्ठा किया गया और पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार से पहले विस्फोट से भरी कार को बशीर ही ड्राइव कर हाइवे तक लेकर आया था। साथ ही बशीर ने मोहम्मद उमर और उसके सहयोगियों को अपने घर में कई बार ठहराया। आदिल अहमद डार की अंतिम वीडियो भी बशीर के घर पर ही शूट की गई थी।
पुलवामा हमले के बाद एक और आतंकी हमले की योजना बनाने में भी बशीर के शामिल होने की बात जांच में सामने आयी है। हालांकि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हमले की यह योजना पूरी नहीं हो सकी थी।