जम्मू और कश्मीर के कुलगाम इलाके में मंगलवार (29 अक्टूबर, 2019) को आतंकियों ने कतरूसा गांव में गैर-कश्मीरियों पर हमला बोल दिया। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, इस फायरिंग के दौरान पांच लोगों की जान गई, जो कि मजदूर बताए जा रहे हैं। घटना के दौरान एक अन्य मजदूर के जख्मी होने की भी खबर है।

पुलिस सूत्रों के हवाले से एजेंसी ने बताया कि फिलहाल सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है। बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भी बुलाया गया है। माना जा रहा है कि जिन मजदूरों को आतंकियों ने निशाना बनाया है, वह पश्चिम बंगाल से थे और वहां दिहाड़ी पर काम करते थे।

CRPF ने बताया कि अज्ञात आतंकियों द्वारा की गई फायरिंग में पांच मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हुआ है। जख्मी शख्स को आनन-फानन अनंतनाग के जिला अस्पताल ले जाया गया। ये सभी मजदूर बंगाल के मुर्शिदाबाद के निवासी थे। घटना के बाद 18 Battalion Army और जम्मू व कश्मीर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान छेड़ दिया था।

जानकारी के मुताबिक, पांचों मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। रोचक बात है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म होने के बाद यह वहां हुआ पहला आतंकी हमला है। यही नहीं, यह आतंकी हमला तब हुआ है, जब झड़प और बंद के बीच कश्मीर में यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों का एक शिष्टमंडल दौरे के लिए पहुंचा हुआ है।

ईयू के 23 सांसदों का शिष्टमंडल कश्मीर में हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा था। हवाई अड्डे से होटल तक के रास्ते में बख्तरबंद जीपों में यात्रा कर रहे सांसदों की हिफाजत के लिए सुरक्षा वाहनों का एक काफिला भी था। सांसदों के होटल पहुंचने पर कश्मीर की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया।

जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्से में हालात पर शिष्टमंडल को अवगत कराया। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद यह पहला उच्च स्तरीय विदेशी शिष्टमंडल कश्मीर के दौरे पर आया है।