मंदिर में बलात्कार, हत्या से पहले अफसर बोला- मुझे भी करना है…ऐसी बातें सामने आने के बाद आने लगे नेताओं के बयान
जनवरी में घटित हुए इस अपराध पर अब हंगामा होने का कारण पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट है। दरअसल चार्जशीट में जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि मासूम बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या एक सोची समझी रणनीति के तहत की गई थी।

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के एक गांव में 8 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद कई नेताओं और सेलेब्रिटीज के इस मुद्दे पर बयान आ रहे हैं। अहम बात ये है कि गैंगरेप आरोपियों को जहां लोग सख्त से सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं, वहीं जम्मू में कुछ लोग आरोपियों के समर्थन में भारत माता की जय का नारा लगाते हुए भी देखे गए।
जनवरी माह का है मामलाः बता दें कि कठुआ के रसाना गांव की 8 वर्षीय पीड़ित बच्ची बीती 10 जनवरी को अपने गांव के नजदीक स्थित जंगलों से गायब हो गई थी। उसके गायब होने के एक हफ्ते बाद उसकी लाश गांव के पास के जंगलों से बरामद हुई थी। जांच में पता चला कि कुछ लोगों ने बच्ची का अपहरण कर उसे एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा और एक हफ्ते तक गैंगरेप किया। गैंगरेप के दौरान बच्ची के साथ आरोपियों ने बड़ी ही बर्बरता की थी और उसे पूरा समय नशे में रखा। इसके बाद पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में कुल 8 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 2 स्पेशल पुलिस ऑफिसर और एक हेड कॉन्सटेबल शामिल है। हेड कॉन्सटेबल पर सबूत नष्ट करने का आरोप है। जांच में पता चला है कि एक पुलिसकर्मी ने बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ दोबारा बलात्कार किया था। ऐसी बाते सामने आने के बाद लोग गुस्से से उबल पड़े।
चार्जशीट फाइल करने पर हुआ हंगामाः जनवरी में घटित इस अपराध पर अब हंगामा होने का कारण पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट है। दरअसल, चार्जशीट में जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि मासूम बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या एक सोची समझी रणनीति के तहत की गई थी। दरअसल आरोपियों ने इस अपराध को अंजाम इलाके के अल्पसंख्यकों को यहां से खदेड़ने के उद्देश्य से दिया था। आरोपियों का कहना है कि अल्पसंख्यक इलाके में नशे का कारोबार करते हैं, जिससे उनके बच्चे नशे के आदी हो रहे हैं। बहरहाल कुछ लोग आरोपियों के समर्थन में भी आ गए हैं और मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जम्मू में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस मामले के द्वारा जम्मू में सांप्रदायिकता फैलाने की साजिश रची जा रही है।
नेताओं ने जतायी निराशाः कठुआ मामले पर बढ़ते हंगामे के बीच कई नेताओं ने भी इस मामले पर अपनी निराशा जाहिर की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसे अपराध के लिए कोई दोषियों का बचाव कैसे कर सकता है? कठुआ में उस बच्ची के साथ जो कुछ भी हुआ वह मानवता के विरुद्ध अपराध है। दोषियों को सजा जरुर मिलनी चाहिए। आखिर हम क्या बन गए हैं, जो इस अकल्पनीय, बर्बर तरीके से हुई एक मासूम की मौत पर भी राजनीति कर रहे हैं।
वहीं भाजपा नेता और केन्द्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने भी इस घटना पर गहरा दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि एक इंसान के तौर पर हम आज फेल हो गए, लेकिन उसे न्याय जरुर मिलेगा। वीके सिंह ने ट्वीट के साथ एक स्क्रीन शॉट में लिखा है कि इंसान और जानवर में फर्क होना चाहिए और ये है भी, लेकिन आठ साल की बच्ची के साथ जो हुआ, उससे लगता है कि इंसान होना एक गाली है। जानवर इससे कहीं अच्छे हैं। शायद ही कोई होगा जो इस घटना से भावुक नहीं हुआ होगा। वीके सिंह ने आगे लिखा कि भावनाओं को अलग रख मैं यह कहना चाहता हूं कि अपराधियों को ऐसी सजा मिले, जिसका उदाहरण हमें पीढ़ी दर पीढ़ी याद रहे। एक और चीज, जो धर्म की आड़ में अपराधियों को शरण देना चाहते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि वो भी अपराधियों की श्रेणी में गिने जाएंगे। खुद यह फैसला करें कि आप किनके प्रतिनिधि बनना चाहते हैं?
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुई दुष्कर्म की घटनाओं पर चुप हैं। आप (पीएम) दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ उपवास क्यों नहीं रखते?
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