हिजबुल आतंकियों के साथ गिरफ्तार J&K डीएसपी ने उनको अपने घर में दी थी पनाह, सामने आई एक और बड़ी चूक
जानकारी के अनुसार दविंदर सिंह कथित रूप से खूंखार आतंकियों को कश्मीर से बाहर भेजने में मदद करता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सिंह द्वारा कुछ खुलासे के बाद उनके इंदिरा नगर आवास पर छापेमारी की गयी।

हिजबुल के तीन आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि डीएसपी दविंदर सिंह ने श्रीनगर स्थित अपने घर में हिजबुल के इन आतंकियों को पनाह दी थी।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी शनिवार को डीएसपी की गिरफ्तारी के बाद दविंदर सिंह के घर पर पड़े छापों के बाद सामने आई। खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पुलिस को तलाशी के दौरान एक एके-47 राइफल और दो पिस्टल भी बरामद हुए हैं।
अत्यंत सुरक्षा वाले श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात दविंदर सिंह ने एक दिन पहले ही 15 विदेशी राजनयिकों को रिसीव किया था। इसमें अमेरिकी राजनयिक भी शामिल थे जो दो दिन के जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे थे। खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उस समय किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि यह पुलिस अधिकारी आतंकियों के साथ गिरफ्तार होगा।
पुलिस ने सोमवार को दविंदर सिंह के आवास पर फिर से छानबीन की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सिंह द्वारा कुछ खुलासे के बाद उनके इंदिरा नगर आवास पर छापेमारी की गयी। सिंह के आवास से किस तरह की चीजें बरामद की गयी हैं, इस बारे में अधिकारी ने बताने से मना कर दिया।
सिंह को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद बाबू और अल्ताफ के साथ शनिवार को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह कार से उन्हें श्रीनगर से दक्षिण कश्मीर ले जा रहे थे। दक्षिण कश्मीर के उप महानिरीक्षक अतुल गोयल के नेतृत्व वाली टीम ने उनका पीछा किया। उनके पास से दो एके राइफल जब्त की गयी।
सिंह के आवास की तलाशी ली गयी और वहां से पुलिस ने दो पिस्तौल और एक एके राइफल जब्त की। कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने कहा था कि पुलिस अधिकारी ‘‘घृणित अपराध’’ में संलिप्त थे और उनके साथ आतंकवादियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सभी सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और हथियार कानून के तहत दर्ज किया गया है।