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कॉलेजियम पर टिप्पणी कर जगदीप धनखड़, रिजिजू ने किया संविधान का अपमान, बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन पहुंची सुप्रीम कोर्ट

बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन ने पहले ये याचिका अपने हाईकोर्ट में दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। अब एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पटीशन दाखिल की है।

Supreme Court Judges Appointment
Collegium Dispute: शुक्रवार (2 दिसंबर 2022) को नई दिल्ली में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़। (फोटो- अनिल शर्मा)

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के खिलाफ टिप्पणी के लिए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मोदी सरकार के कानून मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ एक्शन की मांग को लेकर बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची है। एसोसिएशन का कहना है कि दोनों नेताओं ने कॉलेजियम के खिलाफ टिप्पणी करके संविधान का अपमान किया है, क्योंकि कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा है और शीर्ष अदालत संविधान के तहत स्थापित की गई एक संस्था।

बॉम्बे लायर्स एसोसिएशन ने पहले ये याचिका अपने हाईकोर्ट में दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। अब एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पटीशन दाखिल की है। शीर्ष अदालत से मांग की गई है कि वो जगदीप धनखड़ और किरेन रिजिजू के खिलाफ एक्शन ले। दोनों अपने पदों पर काम करने के योग्य नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने संविधान का अपमान किया है।

सरेआम आलोचना कर सुप्रीम कोर्ट की छवि को नुकसान पहुंचाया

एसोसिएशन का कहना है कि जगदीप धनखड़ और किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम की सरेआम आलोचना करके सुप्रीम कोर्ट की छवि को जनता की नजरों में गिराने की कोशिश की है। धनखड़ उप राष्ट्रपति और रिजिजू कानून मंत्री के पद पर बने रहने लायक नहीं हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकीलों की याचिका को खारिज करते हुए कहा थी कि सुप्रीम कोर्ट की छवि आसमान सरीखी है। उसे कोई भी आघात नहीं पहुंचा सकता। हाईकोर्ट का ये भी कहना था कि वो उप राष्ट्रपति और कानून मंत्री को केवल वकीलों की मांग पर पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी नहीं कर सकती।

जॉन सत्यन के मामले को लेकर मची सिर फुटौव्वल

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम और केंद्र सरकार के बीच रस्साकसी अभी तक बदस्तूर कायम है। मद्रास हाईकोर्ट के वकील जॉन सत्यन को कॉलेजियम के प्रस्ताव और चेतावनी के बाद भी केंद्र ने हाईकोर्ट का जज नहीं बनाया। उनके नाम की सिफारिश 17 जनवरी को कॉलेजियम ने की थी। केंद्र ने 9 फरवरी को की गई सिफारिशों पर अमल करते हुए तीन जजों को हाईकोर्ट का जज नियुक्त कर दिया लेकिन सत्यन की फाइल को अभी तक लंबित रखा है। सत्यन ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक आर्टिकल लिखा था।

हालांकि कॉलेजियम का कहना है कि वो सत्यम की इस हरकत को ओवर रूल कर चुका है। लिहाजा केंद्र को कोई एतराज नहीं होना चाहिए। लेकिन लगता नहीं है कि केंद्र ने सत्यन को माफ किया है। तभी उनकी फाइल को दबाकर रखा गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ समेत कॉलेजियम के तीन जजों ने सत्यन के मामले में प्रस्ताव पास कर केंद्र को हिदायत भी दी थी।

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First published on: 28-03-2023 at 19:27 IST
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