भारत ने शुक्रवार को अंतरिक्ष में एक और उड़ान भरी। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेश (ISRO) ने दूरसंवेदी उपग्रह कार्टोसैट-2 शृंखला उपग्रह सहित कुल 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च किए। इन उपग्रहों को इसरो के सबसे भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी के जरिये भेजा गया। पीएसएलवी की यह 40वीं (पीएसएलवी-सी38) उड़ान है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गुरुवार सुबह 5.29 बजे उपग्रहों के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरु हुई थी। पीएसएलवी अपने साथ 29 विदेशी और एक भारतीय उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाएगा। इस रॉकेट ने चेन्नई के करीब श्रीहरिकोटा से शुक्रवार सुबह नौ बजकर 29 मिनट पर उड़ान भरी।
कार्टोसैट-2 शृंखला उपग्रह का वजन 712 किलोग्राम है। पीएसएलवी-सी38 के जरिये भेजे जाने वाले अन्य 30 उपग्रहों का कुल वजन 243 किलोग्राम है। इन सभी उपग्रहों को 505 किलोमीटर की ऊंचाई पर ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो के वैज्ञानिक के मुताबिक पीएसएलवी-सी38 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के पहले लॉन्च पैड से छोड़ा गया। यह पीएसएलवी के एक्सएल संस्करण की 17वीं उड़ान है जिसमें ठोस स्ट्रैप-ऑन मोटर्स का इस्तेमाल किया गया। बता दें कि मिशन रेडीनेस रिव्यू (MRR) समिति और लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (LB) ने बुधवार को यान के लॉन्च की 28 घंटे की उल्टी गिनती को हरी झंडी दी थी।
#WATCH: ISRO launches PSLV-C38 rocket on a mission to put 31 satellites into orbit from Sriharikota in Andhra Pradesh pic.twitter.com/WNrvaFDngP
— ANI (@ANI_news) June 23, 2017
इसरो ने कहा कि इन 30 उपग्रहों का कुल भार 243 किलोग्राम और कार्टोसैट को मिलाकर सभी 31 उपग्रहों का कुल भार 955 किलोग्राम है। यह रॉकेट उपग्रहों को 505 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा (एसएसओ) में स्थापित करेगा। यह यान 14 देशों से 29 नैनो उपग्रह लेकर जा रहा है, जिसमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के साथ-साथ भारत का एक नैनो उपग्रह भी शामिल है।
15 किलोग्राम वजनी भारतीय नैनो सैटेलाइट एनआईयूएसएटी तमिलनाडु की नोरल इस्लाम यूनिवर्सिटी का है। यह उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा।