एसएसबी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से इस पुल की काफी अहमियत है। यहां से हमें नेपाल की तरफ से हो रहे अतिक्रमण पर नजर रखने में मदद मिलेगी। एसएसबी अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा योगदान दिए गए 50,000 रुपये की अनुमानित लागत पर पुल को केवल पाँच दिनों में बनाया गया। यह सुतिया नाले के ऊपर बनाया गया है।
भारतीय अधिकारियों द्वारा अपने नेपाली समकक्षों के साथ मामला उठाने के बाद सड़क निर्माण कार्य रुक गया था, लेकिन निर्माण कार्य को किसी भी तरीके से फिर से शुरू करने के लिए एसएसबी कड़ी निगरानी रख रहा है। जवानोंं को इस पुल की तत्काल आवश्यकता थी।
एसएसबी अधिकारी ने कहा कि यहां सड़क निर्माण कार्य को तब तक के लिए स्थगित कर दिया गया था जब तक कि दोनों देशों की संयुक्त सर्वेक्षण टीमों ने इलाकों का सीमांकन नहीं किया था। फिलहाल हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यथास्थिति का कोई उल्लंघन न हो। इस प्रकार, बांस पुल हमारे उद्देश्य को पूरा करने में काफी मददगार साबित होगा।