भारतीय वायु सेना का नया ‘बर्ड’ राफेल, स्पीड से लेकर मारक क्षमता तक; जानें क्या हैं खूबियां
राफेल विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले 14 हथियारों से लैस किया जा सकता है। इन विमानों में सबसे एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइलों में से एक मेट्योर लगा है।

भारत को पिछले करीब दो दशक में बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमानों के रूप में मिली। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले राफेल लड़ाकू विमानों को दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस से रवाना होकर पांच विमानों का यह बेड़ा बुधवार अपराह्न तीन बजकर दस मिनट पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला वायुसेना स्टेशन में उतरा। सरकार का कहना है कि खरीदे गए सभी 36 राफेल विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक भारत को हो जाएगी। इसके बावजूद लड़ाकू स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या कम से कम 42 के मुकाबले फिलहाल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं। सोमवार को एक बयान में कहा गया था कि भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति हुई है, जिनमें से पांच प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुक रहे हैं।
राफेल विमानों को आसमान में उनकी बेहतरीन क्षमता और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के लिए जाना जाता है। करीब 23 साल पहले रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद भारत ने पहली बार लड़ाकू विमानों की इतनी बड़ी खेप खरीदी है। 4.5 जेनरेशन वाले राफेल जेट ध्वनि की दोगुना गति से उड़ान भर सकते हैं। इनकी टॉप स्पीड 1.8 मैक है। इनकी बहु-भूमिका क्षमताएं हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, एयर डिफेंस, ग्राउंड सपोर्ट और बड़े हमले करने में सक्षम है।
राफेल भारतीय वायु सेना को वायु श्रेष्ठता प्रदान करेगा। इसके मुकाबले चीन के जे-20 चेंगदू में पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बताया जाता है। हालांकि, जे-20 को युद्ध का अनुभव नहीं है। जबकि राफेल की युद्धक क्षमता अफगानिस्तान, लीबिया और माली में फ्रांसीसी वायु सेना के मिशन में साबित हो चुकी है। राफेल सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक, ईराक और सीरिया मिशन में भी प्रयोग किया जा चुका है। राफेल जे-20 के मुकाबले अधिक ईंधन और हथियार लेकर जाने में सक्षम है।
राफेल विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले 14 हथियारों से लैस किया जा सकता है। इन विमानों में सबसे एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइलों में से एक मेट्योर लगा है। 190 किलोग्राम की इस मिसाइल में 100 किमी से अधिक की बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) है, जो मैक 4. की टॉप स्पीड से उड़ान भरती है। यह पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एफ 16 जेट, AMRAAM मिसाइल ले जाती है, जिसमें 75 किमी की BVR है। Rafale मुकाबले में F16 को भी पीछे छोड़ सकता है।
राफेल लड़ाकू विमानों को जिन मुख्य अस्त्रों से लैस किया जाएगा, उनमें स्कैल्प क्रूज मिसाइल और मिका हथियार प्रणाली शामिल हैं। भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमानों का साथ देने के लिए मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली, हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम अत्याधुनिक हथियार प्रणाली ‘हैमर’ भी खरीद रही है।
बेसिक स्पेशिफिकेशन- विंग स्पैन-10.90 m, लंबाई-15.30 m, ऊंचाई-5.30 m, ओवरऑल खाली वजन-10 टन, बाहरी वजन-9.5 टन, अधिक टेकऑफ वजन-24.5 टन, फ्यूल(अंदर)- 4.7 टन, फ्यूल(बाहर)- 6.7 टन, उड़ान रेंज- 3700 किमी, टॉप स्पीड-1.8 मैक, लैंडिंग ग्राउंड रन- 450 मीटर (1500 फीट), सर्विस सीलिंग-50 हजार फीट।
हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्स्टेंडेड रेंज) लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली क्रूज मिसाइल है, जिसका निशाना अचूक है और इसे फ्रांस की रक्षा कंपनी सैफरॉन ने विकसित किया है। इस मिसाइल को मूल रूप से फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए डिजाइन किया गया और बनाया गया था। मेटयोर हवा से हवा में मारक क्षमता रखने वाली बीवीआर मिसाइलों का अत्याधुनिक संस्करण है और इसे हवा में होने वाले युद्ध के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।
इसे एमबीडीए ने ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के समक्ष मौजूद संयुक्त खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि मेटयोर में एक अनूठी रॉकेट-रैमजेट मोटर लगी है जो इसके इंजन को अन्य मिसाइलों की तुलना में ज्यादा देर तक ऊर्जा/ईंधन मुहैया करती है।