महिला प्रेस क्लब के ‘देशभक्ति’ से जुड़े निर्देश से पत्रकार गुस्से में, शुरू हुआ सिग्नेचर कैंपेन
प्रेस कांफ्रेंस और सेमीनार के लिए बुकिंग के लिए जारी निर्देश के अनुसार, ''ऐसा कुछ ना कहा जाए जो देश विरोधी हो, देश की अखंडता पर सवाल उठाए और राजद्रोह या क्लब की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए।''

भारतीय महिला प्रेस कॉर्प्स की ओर से हाल ही में जारी नए निर्देश पर विवाद खड़ा हो गया है। प्रेस कांफ्रेंस और सेमीनार के लिए बुकिंग के लिए जारी निर्देश के अनुसार, ”ऐसा कुछ ना कहा जाए जो देश विरोधी हो, देश की अखंडता पर सवाल उठाए और राजद्रोह या क्लब की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए।” इस पर कई पत्रकार हैरान रह गए और वे नाराज हैं। वहीं क्लब मैनेजमेंट की ओर से भी इस पर कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। इस घटना को एक महीना हो गया है। अब इसके खिलाफ सिग्नेचर कैंपेन शुरू किया गया है। न्यूज 18 को मैनेजिंग कमिटी की सदस्य रहीं वरिष्ठ पत्रकार ने बताया, ”हम कभी भी सिस्टम की राजनीति में शामिल नहीं हुए। हम इस तरह की कांफ्रेंस कराते हैं क्योंकि इससे कमाई होती है। इसके लिए केवल यह ध्यान रखा जाता है कि आने वाले लोग अनुशासित रहे। यह हमारी आजादी पर हमला है और मुझे संदेह है कि देश में वर्तमान में देशभक्ति का जो माहौल चल रहा है यह उसे खुश करने का तरीका है।”
गौरतलब है कि पिछले साल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में इसी तरह का मामला हुआ था। जम्मू कश्मीर के निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद पर क्लब के परिसर में हमला हुआ था। उन पर कथित तौर पर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। कश्मीर में बीफ पार्टी करने के चलते उनके चेहरे पर स्याही फेंकी गई थी। इसके बाद से प्रेस क्लब सेमीनार को लेकर सतर्कता बरत रहा है।