Indian Railways: ट्रेनों में मसाज पर पहले बीजेपी सांसद, अब सुमित्रा महाजन ने उठाए सवाल
Indian Railways: लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने रेलवे की तरफ से ट्रेनों में मसाज सेवा शुरू करने को लेकर सवाल उठाए हैं। महाजन ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया है।

Indian Railways: लोकसभा की पूर्व स्पीकर और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन ने ट्रेनों में मसाज सर्विस को लेकर सवाल उठाए। महाजन ने इस संबंध में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में महाजन ने कहा है कि महिला यात्रियों के सामने इस तरह की सर्विस की पेशकश करना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
इससे पहले इंदौर से भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने इस सर्विस को स्तरहीन बताया था। उन्होंने भी रेलवे के इस फैसले पर सवाल खड़े किए थे। मालूम हो कि रेलवे ने कुछ दिन पहले ही इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में मसाज सर्विस शुरू करने की घोषणा की थी। पिछले सप्ताह एक खबर आई थी रेलवे की तरफ से मसाज सर्विस को तीन कैटेगरी- गोल्ड, डायमंड और प्लेटिनम कैटेगरी के अंतर्गत उपलब्ध कराया जाएगा।
गोल्ड कैटेगरी में 100 रुपये, डायमंड कैटेगरी में 200 रुपये और प्लैटिनिम कैटेगरी में 300 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इस आशय का प्रस्ताव रतलाम रेल डिविजन की तरफ से पेश किया गया था। इस सेवा से रेलवे को सालाना 20 लाख रुपये राजस्व अर्जित होने का अनुमान लगाया गया था।
डीआरएम ने दी सफाईः मामले में विरोध को देखते हुए रतलाम के रेलवे डिविजन मैनेजर (डीआरएम) आरएन सुनकर ने सफाई देते हुए कहा था कि इस प्लान के तहत रेल यात्रियों को पूरी बॉडी के मसाज की सुविधा नहीं बल्कि सिर्फ सिर और पैर मसाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा यह सर्विस सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच ही मिलेगी।
डीआरएम ने साफ किया कि इस सुविधा को शुरू करने से पहले हर पहलू को देखा जाएगा। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इससे किसी तरह की असुविधा ना हो। साथ ही यात्री भी असहज महसूस ना करें। अधिकारियों का कहना है कि इस सर्विस के लिए रेलवे ने एक निजी एजेंसी के साथ करार किया है।
मेडिकल सुविधा को दें प्राथमिकताः इससे पहले भाजपा के इंदौर से सांसद शंकर लालवानी ने कहा था कि रेल यात्रियों का मानना है कि रेलवे को यात्रियों के लिए ट्रेनों में मेडिकल सुविधा शुरू करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। लोगों का कहना है कि टूरिस्ट प्लेस पर जाने वाली ट्रेनों में यह सुविधा शुरू की जा सकती है लेकिन सामान्य रेलगाड़ियों में इस तरह की सेवा शुरू करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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