भारतीय नेवी को मिला सबसे खतरनाक युद्धपोत ‘मोरमुगाओ’, जानिए इसमें क्या है खास
भारत का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत मोरमुगाओ का अनावरण कर दिया गया। हालांकि मोरमुगाओ नामक इस युद्धपोत को सेना में सक्रिय रूप से शामिल होने में दो साल लगेंगे।

भारत का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत मोरमुगाओ का शनिवार (17 सितंबर) को अनावरण कर दिया गया। हालांकि मोरमुगाओ नामक इस युद्धपोत को सेना में सक्रिय रूप से शामिल होने में दो साल लगेंगे। नेवी सीफ एडमिरल सुनील लांबा ने बताया कि इसकी गिनती दुनिया के सबसे अच्छे युद्धपोत में होती है। मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15-बी के तहत बनाया गया है। इससे पहले भी एक युद्धपोत बनाया जा चुका है। इसका निर्माण भारत सरकार के चार अत्याधुनिक युद्धपोत बनाने के लिए शुरू की गई 29,700 करोड़ रुपये लागत वाली परियोजना के तहत हुआ है।
क्या है खास: मोरमुगाओ का वजन 7300 टन है और इसकी लंबाई 163 मीटर है। इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं जो इसे 30 नॉट (करीब 56 किलोमीटर प्रति घंटा) तक की रफ्तार देते हैं। यह 68 प्रतिशत स्वदेशी है। इस श्रेणी के युद्धपोत को दुश्मन के राडार बहुत मुश्किल से पकड़ पाते हैं। इस युद्धपोत पर 50 नौसेना अफसर और 250 सेलर तैनात होंगे। ये समुद्र में 4000 नॉटिकल मील तक काम करेगा। भारतीयन नौसेना ने मीडिया को बताया कि ये युद्धपोत दुनिया के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं। मुरामुगाओ स्टेट-ऑफ-द-आर्ट वेपंस/सेंसर्स, स्टेल्थ फीचर और उच्च ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है। मोरमुगाओ युद्धपोत से लक्ष्य को भेदने के लिए बराक 8 लॉन्ग-रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (एलआर-एसएएम) दागी जा सकती हैं। एलआर-एसएएम का निर्माण भारत और इजरायल ने मिलकर किया है। इस तकनीक से दुश्मन के एयरक्राफ्ट और सुपरसोनिक मिसाइल को 70 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से टोह ली जा सकती है। मोरमुगाओ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से भी लैस होगा। ब्रह्मोस से जमीन के अलावा समुद्र में 300 किलोमीटर दूर तक किसी लक्ष्य पर निशाना साधा जा सकता है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में उनकी पत्नी श्रीमती रीना लांबा प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाये जा रहे मोरमुगाओ युद्धपोत का जलावतरण करेंगी । इस श्रेणी के पहले पोत “विशाखापत्तनम” का पिछले साल अप्रैल में अनावरण किया गया था।