भारत में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर जारी कार्रवाई को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका में उसके समर्थकों ने काफी हंगामा किया है। इन लोगों ने अपने हाथों में ‘खालिस्तान’ लिखे झंडे लिए भारतीय उच्चायोग के परिसर में भारतीय झंडे के अपमान किया और तोड़फोड़ भी की है। अब भारत सरकार ने एक बयान जारी कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ मेजबान सरकारों से कार्रवाई की उम्मीद की जाती है। इन प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सरकार ने अपनी नाराजगी जताने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका के राजनयिकों को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
‘कार्रवाई की उम्मीद करते हैं’
शुक्रवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नई दिल्ली उम्मीद करती है कि मेजबान सरकारें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगी। उन्होने कहा ‘मुझे लगता है केवल आश्वासन न दिया जाए बल्कि कि हम कार्रवाई देखना चाहेंगे’
अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने कनाडा में अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया था। जहां भारतीय उच्चायुक्त को एक कार्यक्रम उपस्थिति रद्द करने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा, “हमारी उम्मीद है कि किसी भी देश में हमारे राजनयिक अपने वैध और सामान्य राजनयिक कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं और मेजबान सरकार ऐसा करने के लिए बेहतर माहौल बनाएंगी”
दिल्ली पुलिस भी सख्त
दिल्ली पुलिस ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल भारतीय नागरिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट का संज्ञान लेकर दिल्ली पुलिस से कानूनी कार्रवाई करने को कहा था।
लंदन में 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने भारतीय उच्चायोग के सामने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को नीचे उतारने की घटिया कोशिश की थी। प्रदर्शनकारी भारत के पंजाब राज्य में वारिस पंजाब दे के प्रमुख भगोड़े अमृतपाल सिंह के खिलाफ जारी पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताने पहुंचे थे।