भारत चाहेगा कि पूरी दुनिया वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो। भारत 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और उसका दो साल का कार्यकाल भी इसी साल समाप्त हो जाएगा।
यूएनएससी नियमों के अनुसार, यूएनएससी के 15 सदस्यों को वर्ण के क्रम में बारी-बारी से अध्यक्षता मिलती है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज के मुताबिक, दिसंबर में अध्यक्षता संभालने पर भारत की प्राथमिकताएं आतंकवाद का मुकाबला करना और बहुपक्षवाद में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना होंगी।
परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के बाद भारत ने अगस्त 2021 में पहली बार यूएनएससी की अध्यक्षता संभाली थी और अब वह अपने इस कार्यकाल में दूसरी बार इसकी अध्यक्षता करेगा। भारत का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि कंबोज दिसंबर में अध्यक्ष के आसन पर बैठेंगी। इसके अलावा भारत एक दिसंबर से एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता भी करेगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 14 दिसंबर को बहुपक्षवाद में सुधार के लिए और 15 दिसंबर को आतंकवाद का मुकाबला करने को लेकर सुरक्षा परिषद में ‘हस्ताक्षर कार्यक्रमों’ की अध्यक्षता करने न्यूयार्क आएंगे। इस दौरान भारत की अध्यक्षता में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। कंबोज का कहना है कि भारत का सुरक्षा परिषद को लेकर रुख हमेशा से ही बेहद साफ रहा है।
भारत चाहता है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए। भारत इस बात को कई मंचों पर दोहरा चुका है। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन कई देशों ने किया भी है। भारत सुरक्षा परिषद में कई स्तरों पर सुधार चाहता है।