वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने एक पायदान घटाई भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग, भ्रष्टाचार बड़ी समस्या
इस सूची में रूस का स्थान 38वां है। दक्षिण एशिया के पड़ोसी मुल्कों में भूटान 85वें, श्रीलंका 85वें, नेपाल 88वें, बांग्लादेश 99वें और पाकिस्तान 115वें स्थान पर है।

भारत दुनिया की 40वीं सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था है। विश्व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में इस साल भारत का यह स्थान है जो हालांकि पिछले साल की तुलना में एक स्थान नीचे हैं। इस सूचकांक में दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड है। मंच की नवीनतम ‘वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रपट’ में कुल 137 अर्थव्यवस्थाओं के बीच आकलन किया गया है। इसमें स्विट्जरलैंड शीर्ष पर है जिसके बाद अमेरिका दूसरे और सिंगापुर तीसरे स्थान पर है। इस रपट में पिछले साल भारत का स्थान 39वां था जो इस वर्ष 40 है जबकि पड़ोसी मुल्क चीन 27वें स्थान पर है।
रपट में कहा गया है, ‘‘पिछले दो साल में लंबी छलांग लगाने के बाद इस वर्ष भारत की स्थिति स्थिर रही है।’’ साथ ही प्रतिस्पर्धा के कई मानकों में इसकी स्थिति बेहतर हुई है जिसमें बुनियादी ढांचा क्षेत्र में इसका स्थान 66वां, उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण में 75वां और तकनीक तौर पर तैयार देशों में 107वां स्थान है जो इन क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश को दिखाता है। रपट के अनुसार सूचना एवं संचार तकनीक संकेतक क्षेत्र में भी भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। विशेषकर प्रति व्यक्ति इंटरनेट का उपभोग, मोबाइल फोन और ब्रांडब्रैंड कनेक्शन और स्कूलों में इंटरनेट की पहुंच के मामले में यह सुधरा है।
हालांकि आर्थिक मंच की रपट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के लिए भारत में कारोबार करने के संदर्भ में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। रपट के अनुसार, नवोन्मेष के क्षेत्र में भारत का स्थान 29 और तकनीकी तौर पर तैयार देश के मामले में 107 है। इन दोनों के बीच का यह अंतर एक बड़ी समस्या है। इसके चलते भारत अपनी तकनीकी क्षमता का उपयोग अपनी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए करने में सक्षम नहीं होगा। ब्रिक्स समूह देशों में चीन और रूस दोनों ही भारत से ऊपर हैं। इस सूची में रूस का स्थान 38वां है। दक्षिण एशिया के पड़ोसी मुल्कों में भूटान 85वें, श्रीलंका 85वें, नेपाल 88वें, बांग्लादेश 99वें और पाकिस्तान 115वें स्थान पर है।