Mahatma Gandhi statue Vandalized: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के बर्नाबी परिसर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया गया। जिसको लेकर भारत मंगलवार को कड़ा ऐतराज जताया है। इस तरह की यह दूसरी घटना है। हाल ही में गांधी की एक प्रतिमा को खालिस्तान समर्थकों द्वारा निशाना बनाया गया था। वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम शांति के अग्रदूत महात्मा गांधी जी की मूर्ति को क्षति पहुंचाने के इस अपराध की कड़ी निंदा करते हैं.’ दूतावास ने अपने बयान में कहा, ‘कनाडाई अधिकारियों से मामले की तुरंत जांच करने और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की अपील करते हैं।’
कनाडा में पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह की यह दूसरी घटना है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पहली घटना गुरुवार को ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर में सिटी हॉल के पास दर्ज की गई। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) ने यॉर्क रीजनल पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल जुलाई में कनाडा में योंग स्ट्रीट और गार्डन एवेन्यू के इलाके में विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ने की इसी तरह की घटना सामने आई थी।
ओटावा में उच्चायोग ने कहा था कि भारत इस घृणित मानसिकता की निंदा करता है, जो भारतीय समुदाय को आतंकित करना चाहता है। यह भी कहा गया था कि भारत ने जांच के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया था और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। उच्चायोग ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘हम इस घृणित अपराध से बहुत दुखी हैं, जो भारतीय समुदाय को आतंकित करना चाहता है। इसने यहां भारतीय समुदाय में चिंता और असुरक्षा को बढ़ा दिया है। हमने जांच करने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया है।’
इस साल की शुरुआत में 13 फरवरी को कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भगवान राम को समर्पित एक मंदिर को भारत विरोधी नारों के साथ चित्रित किया गया था। टोरंटो में भारत के वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट किया, “हम मिसिसॉगा में राम मंदिर को भारत विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित करने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से इस घटना की जांच करने और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।”
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उसने भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके को तलब किया और भारतीय मिशन और वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की कार्रवाई के बारे में अपनी “गंभीर चिंता” व्यक्त की। मंत्रालय ने यह भी स्पष्टीकरण मांगा कि इन तत्वों को उत्तरी अमेरिकी देश में राजनयिक मिशनों और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा में सेंध लगाने की अनुमति कैसे दी गई।