LAC पर तनाव: PLA ने जुटा रखे हैं 50 हजार सैनिक और मिसाइल, भारत भी मुस्तैद
दोनों देशों के तनाव के बीच आज मॉस्को में भारतीय विदेशी मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक अहम बैठक होने वाली है।

भारत-चीन सीमा विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। बीजिंग ने एलएसी पर 50 हजार से अधिक सैनिकों की तैनाती कर दी है। लड़ाकू विमान और मिसाइलों को भी तैनात किया गया है। हालांकि भारत सरकार में टॉप के अधिकारियों का आकलन है कि स्थिति अभी गंभीर स्तर पर नहीं पहुंची है, मगर सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय सेना के खुफिया सूत्रों के अनुसार चीन ने सीमा पर पचास हजार सैनिक, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, बड़ी संख्या में रॉकेट और करीब 150 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है।
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद मई की शुरुआत के बाद एक बार फिर तब चरम पर पहुंच गया जब चीन ने तिब्बत में एक सैन्य अभ्यास में भाग लेने वाले सैनिकों को एलएसी के पास तैनात कर दिया है। बताया जाता है कि पीएलए सैनिकों पर नियंत्रण स्थानीय सैन्य कमांडरों का नहीं बल्कि सीधे बीजिंग का होता है। यह भी पता चला है कि पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट के साथ नए संघर्ष क्षेत्र में चीनी सैनिक प्रतिदिन बीजिंग के प्रत्यक्ष निर्देश पर भारतीयों सैनिकों की स्थिति को जानने की कोशिश कर रहे हैं।
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चीनी सैनिकों की इन कोशिशों को भारतीय अग्रिम चौंकियों पर पहुंचने और सामरिक ऊंचाइयों पर स्थित भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी तरफ भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन अगर युद्ध करना भी चाहे तो उसे बहुत बुरे परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिक कुछ चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश कर सकते हैं, मगर भारतीय सेना इसके लिए पूरी तरह तैयार है। स्थानीय स्तर पर भारतीय सैन्य कमांडरों को अपने हिसाब से कार्रवाई करने की पूरी छूट है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हमारे सैनिक बेहतरीन तकनीक वाले हथियारों से लैस हैं और किसी भी स्थिति के लिए पूरी तैयार हैं। अधिकारी ने बताया कि भारत ने भी रेचिन ला के करीब टैंकों की तैनाती कर दी है।
इस बीच आज मॉस्को में भारतीय विदेशी मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच एक अहम बैठक होने वाली है। बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर बातचीत हो सकती है। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है मगर वह लगातार बातचीत के लिए आग्रह करता रहा है। इधर चीन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक होगी, चाहे अभी इसकी पुष्टि ना हुई हो। माना जा रहा है कि बैठक में दोनों नेताओं के बीच एलएसी पर हालिया तनाव को कम करने के लिए बातचीत होगी।