15 अगस्तः लाल किले पर PM नरेंद्र मोदी की हिफाजत कर रहा था यह यंत्र, जानिए क्यों है खास
यह अपने टारगेट को एक से 1.25 किमी की रेंज में आने पर ढेर भी कर सकता है।

Independence Day 2020 पर नई दिल्ली स्थित लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिफाजत में एक खास यंत्र लगाया गया था। दरअसल, काले रंग का यह बड़ा सा Anti Drone System था, जिसे DRDO ने विकसित किया है। इस सिस्टम की खासियत है कि यह तीन किलोमीटर के दायरे में छोटे-छोटे (माइक्रो) ड्रोन्स को डिटेक्ट कर लेता और उन्हें जैम भी कर देता है। यह अपने टारगेट को एक से 1.25 किमी की रेंज में आने पर ढेर भी कर सकता है।
DRDO के बयान के अनुसार, “चूंकि, ड्रोन्स राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरा हो सकते हैं, इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए यह व्यापक समाधान (सिस्टम) हल के तौर पर निकाला गया है।” डीआरडीओ का कहना है कि देश के पश्चिमी और उत्तरी सेक्टर्स में जहां ड्रोन आधारित गतिविधियां बढ़ी हैं, वहां यह सिस्टम काफी कारगर साबित हो सकता है।
हाल ही में सशस्त्र बलों ने मिसाइलों के साथ अपने 100 Heron Drones को बनाने का प्रस्ताव दिया था। Indian Navy ने भी अपने मौजूदा मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) को अपग्रेड करने और भारतीय जल पर कड़ी निगरानी के लिए 10 नए निगरानी ड्रोन खरीदने के लिए भी मंजूरी दे दी है।
‘संप्रभुता पर आंख उठाने वालों को देश, सेना ने उन्हीं की भाषा में जवाब दिया’: पीएम ने संबोधन में चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर आंख उठाने वालों को करारा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने 86 मिनट के अपने संबोधन के दौरान चीन और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था।
सामाजिक दूरी के नियम संग हुआ समारोहः देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ऐतिहासिक लाल किले पर इस वर्ष कोविड-19 महामारी की छाया स्पष्ट रूप से दिखायी दी। सभी कुर्सियों पर मास्क, सैनिटाइजर, एक जोड़ा दस्ताने युक्त एक किट रखा गया था। कुर्सियों को इस प्रकार से रखा गया था कि सामाजिक दूरी के मानकों का पालन हो सके।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद एंट्रीः आमतौर पर हर बार इस समारोह में भीड़ रहती थी और अलग-अलग आयु वर्ग के लोग काफी उत्साह से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण निर्धारित सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इसके आकार को घटा दिया गया। समारोह में मुख्य प्रवेश द्वार पर सीमित संख्या में आमंत्रित अतिथियों की व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) पहने सुरक्षा कर्मियों द्वारा थर्मल स्कैनिंग की गई। वहीं, सुरक्षा द्वारों के पास हैंड्स फ्री सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी।
कितने लोगों को था न्यौता?: अधिकारियों, राजनयिकों, स्थानीय नेताओं समेत करीब 4,000 लोगों को आमंत्रित किया गया था। हर बार की तुलना में इस साल एक चौथाई आगंतुकों को ही बुलाया गया। इसके बाद भी सभी दीर्घाओं में कई सीटें खाली थीं। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर उन्हें कुछ सीटें खाली रह जाने का अंदाजा था। इस बार स्कूली छात्र भी नहीं आए। हालांकि एनसीसी के 500 कैडेट को समारोह के लिए बुलाया गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)